10 रुपये के नोट की ‘गारंटी’ और… पंजाब से ऑस्ट्रेलिया जाने का सपना, ईरान में हो गए अगवा, निकला PAK कनेक्शन!


चंडीगढ़: हममें से कई लोग चाहते हैं कि चाह होती है कि हम विदेश जाकर, वहां बेहतर भविष्य बनाएं. इसकी चाह में हम कई बार सस्ते और किफायती रास्ते भी निकलते हैं, लेकिन कई बार ये रास्ते हमारे लिए बड़ी मुसीबत भी बन जाते हैं. ऐसा ही कुछ हुआ चंडीगढ़ के जसपाल, अमृतपाल और हुसनप्रीत के साथ, जिनकी विदेश में सेट होने की चाह उन्हें मौत के रास्ते ले गई.

दरअसल, ऑस्ट्रेलिया में बेहतर भविष्य की तलाश में ये तीन युवक दिल्ली से फ्लाइट लेकर निकले, लेकिन ईरान में बंधक बना लिए गए हैं. ये तीनों युवक एक फर्जी ट्रैवल नेटवर्क का शिकार बने, जिसमें जालंधर के ‘BRB Consultant’ के नाम पर कथित ‘गारंटी’ पेपर बनाए गए थे. होशियारपुर पुलिस ने बताया कि दो दलाल भाई धीरेज और कमल अटवाल ने इन युवाओं को ऑस्ट्रेलिया का वीजा दिलाने का झांसा दिया. इन्हें एक ‘गारंटी’ भी दी गई थी. ₹10 के नोट पर लिखे टोकन नंबर, जिनके जरिए भरोसा दिलाया गया कि पैसा तभी दिया जाएगा जब युवक ऑस्ट्रेलिया पहुंच जाएं.

₹54 लाख की फिरौती…
गारंटी पेपर में लिखा था कि अगर एजेंट युवकों को ऑस्ट्रेलिया नहीं पहुंचा पाया तो टोकन वापस लेकर पैसे भी वापस मिलेंगे, पर जमीनी सच्चाई कुछ और निकली. हुसनप्रीत की मां बलविंदर कौर के मुताबिक, ‘वो रोते हुए वीडियो कॉल कर रहे थे, उनके साथ मारपीट हो रही थी. अब फिरौती की रकम ₹54 लाख मांग रहे हैं और कह रहे हैं कि पैसा पाकिस्तान के गजनफर अली के खाते में जमा कराओ.’ वहीं बलविंदर कौर की शिकायत में यह भी कहा गया है कि पूरा नेटवर्क पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से जुड़ा है. उन्होंने आरोप लगाया कि हुसनप्रीत, जसपाल और अमृतपाल को ईरान एयरपोर्ट के बाहर से 1 मई को ISI एजेंट्स द्वारा अगवा किया गया.

हुसनप्रीत सिंह की कहानी

धूरी के वार्ड-21 निवासी हुसनप्रीत सिंह ऑस्ट्रेलिया जाने का सपना लेकर लाखों रुपये खर्च करके निकले थे. दिल्ली से फ्लाइट लेने के बाद ईरान में रुकना पड़ा, और वहीं से उनका अपहरण हो गया. पहले 2 करोड़, फिर 1 करोड़ और अब 55 लाख रुपये की मांग की जा रही है. इतना ही नहीं, पीड़ित परिवार को पैसे भेजने के लिए जो खाते दिए जा रहे हैं, वो पाकिस्तान के हैं.

अमृतपाल सिंह की कहानी

दूसरा मामला है होशियारपुर जिले के गांव भागोवाल लुद्दां का. यहां के जोगिंदर सिंह का बेटा अमृतपाल सिंह भी ऑस्ट्रेलिया जाने की चाह में 23 अप्रैल को दिल्ली से रवाना हुआ था. ईरान में रुकते ही वह भी अपहरणकर्ताओं के कब्जे में चला गया. 2 मई की रात करीब 2:30 बजे अमृतपाल ने घर फोन किया और बताया कि उसे और दो अन्य लोगों को बंदी बना लिया गया है. अगवा करने वालों ने उसके साथ मारपीट की और उसका खून से लथपथ वीडियो भेजा गया, जिसमें वह रोते हुए अपनी हालत बता रहा था. अमृतपाल के परिवार का आरोप है कि ट्रैवल एजेंट लगातार फिरौती की रकम बदलते रहे, पहले 54 लाख, फिर डेढ़ करोड़ और अब एक करोड़ रुपये मांगे जा रहे हैं. पुलिस ने शिकायत के आधार पर ट्रैवल एजेंट धीरज अटवाल, उसके भाई कमल अटवाल और महिला एजेंट सविता सोया के खिलाफ थाना मॉडल टाउन में केस दर्ज कर लिया है.

अमृतपाल सिंह की कहानी

वहीं तीसरा मामला नवांशहर जिले के गांव लंगडोया का है, जहां के युवक अमृतपाल सिंह को भी ईरान में बंदी बनाया गया है. उसके परिजनों को भी मारपीट के वीडियो भेजे जा रहे हैं और पैसों की मांग की जा रही है. जसपाल की मां रो-रोकर बुरी हालत में हैं और सरकार से मदद की गुहार लगा रही हैं.
शिकायत में दिल्ली के कथित मुख्य एजेंट ‘सुरेश’, अटवाल बंधु, ‘ब्रॉकर’ समीरा आहूजा उर्फ बंटी और जालंधर की एक महिला का भी नाम है, जो ISI एजेंट बताई जा रही है. भारतीय दूतावास ने ट्विटर पर बताया कि तीनों युवक अब सुरक्षित हैं और भारत लाने की प्रक्रिया तेजी से की जा रही है. पंजाब के DGP गौरव यादव ने कहा, ‘हम इस मामले की हर एंगल से जांच करेंगे, जिसमें ISI कनेक्शन के आरोप भी शामिल हैं.’



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