लंदन: करीब 700 साल पुराना इंग्लैंड का एक कोल्ड केस आखिरकार सुलझ गया है. यह मामला एक पादरी जॉन फोर्ड की हत्या से जुड़ा है. फोर्ड का मई 1337 में एक व्यस्त सड़क पर गला रेतकर कत्ल कर दिया गया था. अब कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी के ‘मेडिएवल मर्डर मैप्स’ प्रोजेक्ट के तहत इस हत्या की पूरी कहानी सामने आई है. इस रिसर्च के अनुसार, यह कत्ल एक कुलीन (Elite) महिला द्वारा बदले की भावना से सुनियोजित तरीके से कराया गया था. ‘मेडिएवल मर्डर मैप्स’ दरअसल 14वीं सदी के इंग्लैंड में हुई अप्राकृतिक मौतों का डेटाबेस है.
कौन थी एला फिट्जपेन और क्यों हुआ कत्ल?
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने आर्काइव्स खंगाले. (Photo : Cambridge University)
मैनुएल आइज़नर के अनुसार, यह कत्ल किसी सामान्य प्रेम प्रसंग का परिणाम नहीं था. बल्कि यह एक राजनीतिक और सामाजिक साजिश का हिस्सा था. उन्होंने कहा, ‘हम एक ऐसे कत्ल को देख रहे हैं, जो इंग्लैंड के उच्चवर्गीय अभिजात्य वर्ग की एक प्रमुख हस्ती द्वारा योजनाबद्ध और ‘कोल्ड ब्लड’ में कराया गया. इसमें परिवार के सदस्य और करीबी सहयोगी शामिल थे, जिससे यह बदले की कार्यवाही प्रतीत होती है.’
रिसर्च में यह भी सामने आया कि चर्च ने एला फिट्जपेन को सार्वजनिक रूप से अपमानित कर अपनी सत्ता और नैतिक अधिकार को अभिजात वर्ग पर थोपने की कोशिश की थी. इसी खींचतान में जॉन फोर्ड दोनों धड़ों के बीच फंस गए थे. एक अन्य रिकॉर्ड में यह भी सामने आया कि फिट्जपेन ने अपने पति और पादरी फोर्ड के साथ मिलकर एक गैंग ऑफ एक्सटॉर्शनिस्ट्स खड़ा किया था. यह गिरोह चर्च के एक प्रायरी पर हमला कर चुका था. गिरोह ने कई इमारतों में सेंधमारी की थी और मवेशियों को बंधक बनाकर फिरौती मांगी थी.
‘सेक्स, शेकडाउन और बदले’ की कहानी
700 साल पुरानी हत्या, आज क्यों अहम?
यह केस दिखाता है कि मध्यकालीन इंग्लैंड में चर्च और अभिजात वर्ग के बीच सत्ता का संघर्ष कितना खतरनाक रूप ले सकता था. साथ ही यह भी साबित करता है कि ‘ऑनर किलिंग’ या बदले की राजनीति कोई आधुनिक अवधारणा नहीं है, बल्कि इसका इतिहास सदियों पुराना है.