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धुड़मारास गांव, छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के भीतर स्थित है. यह गांव गोंड और मुरिया जनजातियों की संस्कृति और इको-टूरिज्म के लिए प्रसिद्ध है. 2024 में UNWTO ने इसे “Best Tourism Vil…और पढ़ें

धुड़मारास गांव छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के भीतर स्थित एक शांत, हरियाली से घिरा गांव है. यह जगह उन पर्यटकों के लिए स्वर्ग के समान है जो प्रकृति के साथ सुकून भरे पल बिताना चाहते हैं. यहां की वादियाँ, पहाड़ियां और घने जंगल इसे बेहद खास बनाते हैं.

गांव में पारंपरिक गोंड और मुरिया जनजातियों की संस्कृति आज भी जीवित है. उनके नृत्य, लोकगीत, पारंपरिक परिधान और अनोखे तीज-त्योहार यहां आने वाले पर्यटकों को एक अनोखा सांस्कृतिक अनुभव देते हैं. ग्रामीण जीवन की सादगी और आत्मीयता दिल को छू जाती है.

धुड़मारास सिर्फ शांति और संस्कृति का नहीं, बल्कि रोमांच का भी केंद्र है. यहां बैंबू राफ्टिंग, कयाकिंग, जंगल ट्रेकिंग और बर्ड वॉचिंग जैसे गतिविधियों की सुविधा है, जो इसे साहसिक पर्यटन प्रेमियों के लिए आदर्श स्थल बनाती हैं.

यह गांव कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आता है, जो अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है. यहां कई दुर्लभ वनस्पतियाँ, पक्षी, तितलियाँ और जंगली जानवर देखने को मिलते हैं. यह पूरा क्षेत्र इको-टूरिज्म का बेहतरीन उदाहरण है.

धुड़मारास गांव पर्यावरण संतुलन को बनाए रखते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने का उत्कृष्ट उदाहरण है. यहां के होमस्टे, जैविक खेती, हस्तशिल्प और जनजातीय उत्पादों को बढ़ावा देकर गांव को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है.

पर्यटक यहां आकर पारंपरिक छत्तीसगढ़ी खाना, जनजातीय रसोई, मिट्टी के घरों में ठहराव और ग्रामीण गतिविधियों में भाग लेकर असली भारत को महसूस कर सकते हैं. गांववासियों का अपनापन और विनम्रता यहां के अनुभव को यादगार बना देती है.

वर्ष 2024 में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) ने धुड़मारास को “Best Tourism Villages” की वैश्विक सूची में शामिल किया. इस सूची में दुनिया के 60 देशों से चुने गए 20 गांवों को जगह दी गई, जिसमें भारत से केवल दो गांव शामिल हुए. यह चयन गांव की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत और सतत पर्यटन क्षमता को देखते हुए किया गया. यह छत्तीसगढ़ और भारत के लिए एक गर्व का विषय है.