लॉरेंस बिश्नोई गैंग का यूपी-बिहार में विस्तार, शूटर नवीन ढेर.


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Lawrence Bishnoi Gang: लॉरेंस बिश्नोई का गैंग यूपी-बिहार तक फैल गया है, जबकि वह साबरमती जेल में बंद है. हापुड़ में एनकाउंटर में उसके शार्प शूटर नवीन कुमार को मारा गया. बिश्नोई VoIP और ‘डब्बा कॉलिंग’ से नेटवर्क …और पढ़ें

लॉरेंस बिश्नोई: हापुड़ में शार्प शूटर का एनकाउंटर, UP-बिहार तक कैसे फैला जाल?

लॉरेंस बिश्नोई गैंग यूपी-बिहार तक पहुंच गया है.

हाइलाइट्स

  • लॉरेंस बिश्नोई का गैंग यूपी-बिहार तक फैल गया है.
  • हापुड़ में एनकाउंटर में शार्प शूटर नवीन कुमार मारा गया.
  • बिश्नोई VoIP और ‘डब्बा कॉलिंग’ से नेटवर्क चला रहा है.

Lawrence Bishnoi Gang: भले ही कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गुजरात की साबरमती जेल में बंद है लेकिन वह लगातार मीडिया की सुर्खियों में बना हुआ है. बुधवार देर रात उत्तर प्रदेश के हापुड़ में एक हाई-प्रोफाइल एनकाउंटर ने उसके एक शार्प शूटर का काम तमाम हो गया. यूपी एसटीएफ और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ज्वाइंट ऑपरेशन में शार्प शूटर नवीन कुमार को मारा गया. नवीन गाजियाबाद के लोनी का रहने वाला था. वह हत्या, अपहरण, डकैती और मकोका जैसे 20 से ज्यादा मामलों में वांटेड था. यह घटना ने एक सवाल को भी जन्म दिया है कि कैसे जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई का अपराध का साम्राज्य यूपी-बिहार तक फैल गया है? अब तक उसका गैंग पंजाब-हरियाणा, दिल्ली और मुंबई में सक्रिय बताया जाता था.

लॉरेंस बिश्नोई 2014 से जेल में है. एक समय वह पंजाब यूनिवर्सिटी में लॉ का छात्र था. लेकिन छात्र राजनीति से शुरू हुआ उसका सफर जल्द ही अपराध की गहरी खाई में उतर गया. 1993 में पंजाब के फाजिल्का जिले में जन्मे बिश्नोई ने पहले छात्र चुनावों में हिंसा का सहारा लिया. फिर हत्या, जबरन वसूली और संगठित अपराध की दुनिया में कदम रखा. आज उसका गैंग 700 से ज्यादा शार्प शूटर्स के साथ भारत के कई राज्यों और विदेशों तक फैल चुका है. नवीन जैसे शार्प शूटर इस नेटवर्क का हिस्सा थे, जो जेल से मिलने वाले निर्देशों पर काम करते थे.

काफी पैर पसार चुका है गैंग

हापुड़ में हुआ यह एनकाउंटर इस बात का सबूत है कि बिश्नोई गैंग ने और पैर फैला दिए हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक नवीन, बिश्नोई के करीबी हाशिम बाबा के साथ मिलकर अपराध को अंजाम देता था. उस पर दिल्ली और यूपी में कई संगीन मामले दर्ज थे. उसे हत्या के दो मामले में सजा भी मिल चुकी थी. लेकिन सवाल यह है कि जेल में बैठा एक शख्स इतने बड़े नेटवर्क को कैसे चला रहा है? जांच में सामने आया है कि बिश्नोई वॉयस ओवर आईपी (VoIP) और ‘डब्बा कॉलिंग’ जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करता है, ताकि उसका लोकेशन ट्रेस न हो सके.

यूपी और बिहार में बिश्नोई गैंग का विस्तार चौंकाने वाला है. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली से शुरू हुआ यह नेटवर्क अब बिहार तक पहुंच गया है. हाल ही में बिहार के श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह को बिश्नोई के नाम से धमकी मिली, जिसमें 30 लाख रुपये की मांग की गई थी. पुलिस ने इस मामले में आजमगढ़ से एक शख्स को गिरफ्तार किया. यह घटना दर्शाती है कि बिश्नोई का गैंग न सिर्फ हिंसक वारदातों में शामिल है, बल्कि वसूली के लिए भी आतंक का पर्याय बन चुका है.

गैंग की ताकत

बिश्नोई गैंग की ताकत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उसने सलमान खान, बाबा सिद्दीकी और सिद्धू मूसेवाला जैसे हाई-प्रोफाइल लोगों को निशाना बनाया. बाबा सिद्दीकी की हत्या में भी गैंग की संलिप्तता सामने आई, जिसमें पुणे से साजिश रचने की बात पता चली. यह गैंग सोशल मीडिया का भी बखूबी इस्तेमाल करता है. सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद गैंग के सदस्यों ने फेसबुक पर इसकी जिम्मेदारी ली थी. युवाओं को भर्ती करने के लिए भी सोशल मीडिया एक हथियार बना हुआ है.

बिश्नोई गुजरात की साबरमती जेल में बंद है, लेकिन उसका गैंग बेरोकटोक काम कर रहा है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जेलों में एकाकी कारावास की कमी और अपराधियों के आपसी संपर्क ने इस नेटवर्क को बढ़ावा दिया है. बिश्नोई ने जेल में रहते हुए कई गैंगस्टरों से रिश्ते बनाए, जिसके बाद उसने अपने साम्राज्य का विस्तार किया.

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संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स…और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स… और पढ़ें

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