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Russia Ukraine War: यूक्रेन ने रूस पर सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया, जिसमें कई सैन्य बेस निशाना बने. रूस ने जवाबी हमले में 472 ड्रोन और दो बैलिस्टिक मिसाइलें इस्तेमाल कीं. शांति वार्ता से पहले तनाव बढ़ा. सवाल उठ रह…और पढ़ें

यूक्रेन ने रूस पर बड़ा ड्रोन हमला किया है.
हाइलाइट्स
- यूक्रेन ने रूस पर सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया
- रूस ने जवाबी हमले में 472 ड्रोन और 2 बैलिस्टिक मिसाइलें इस्तेमाल कीं
- शांति वार्ता से पहले तनाव बढ़ा, नाटो और अमेरिका की भूमिका पर सवाल
वाशिंगटन: रूस पर यूक्रेन ने अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया है. हमले में कई रणनीतिक बमवर्षक विमानों को निशाना बनाया गया. यह हमला रूस के लिए युद्ध में अब तक का सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि यूक्रेन ने रूस की सीमा के अंदर हजारों किलोमीटर तक जाकर पांच सैन्य बेस पर हमले किए. इनमें ओलेन्या, बेलाया, इवानोवो, डायगिलेवो और अन्य सैन्य ठिकाने शामिल हैं. ओलेन्या एयरबेस इनमें सबसे खास है, क्योंकि हाल ही में यहां बमवर्षक विमानों और फाइटर जेट्स की तैनाती बढ़ी थी. 26 मई को ओपन सोर्स सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ कि रूस के मुरमांस्क क्षेत्र में ओलेन्या एयरबेस पर बड़ी संख्या में विमान तैनात हुए हैं. इनमें 40 टीयू-22एम3 बमवर्षक, 11 टीयू-95एमएस बमवर्षक, और पांच एएन-12 परिवहन विमान थे. यूक्रेन के हमले से यह बेस पूरी तरह हिल गया. हमले के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या नाटो या अमेरिका ने उसे खुफिया जानकारियां दीं?
इस हमले के जवाब में रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया, जिसमें 472 ड्रोन और दो बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया. यह हमला शनिवार रात को हुआ, जिसमें यूक्रेन की राजधानी कीव सहित कई शहरों को निशाना बनाया गया. यह सब तब हुआ जब सोमवार को इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता होने वाली है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इस हमले को ‘इतिहास में दर्ज होने वाला’ बताया और कहा कि यह रूस को युद्ध खत्म करने की जरूरत महसूस कराएगा.
ट्रंप की भूमिका पर सवाल
हमले से ठीक पहले, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर दावे सामने आए कि यूक्रेन ने यह हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मंजूरी के बाद किया. क्योंकि वह पिछले कुछ दिनों से पुतिन से नाराज हैं. हालांकि, एक यूक्रेनी अधिकारी और अमेरिकी प्रशासन ने स्पष्ट किया कि ट्रंप को इस हमले की पहले से जानकारी नहीं थी. ट्रंप ने बार-बार रूस और यूक्रेन से युद्धविराम की अपील की है, लेकिन इस हमले ने सवाल खड़े किए हैं कि क्या ट्रंप एक तरफ शांति की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ यूक्रेन को हमले की खुली छूट भी दे रहे हैं.
क्या नाटो और अमेरिका ने दी सैटेलाइट मदद?
सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या यूक्रेन को इस हमले के लिए अमेरिका और नाटो ने सैटेलाइट तस्वीरों की मदद दी. ट्रंप प्रशासन ने कुछ दिनों के लिए सैटेलाइट मदद देना बंद किया था. लेकिन मार्च 2025 में अमेरिका ने यूक्रेन को फिर इसकी मदद शुरू कर दी थी. हाल ही में रूस ने अपने बमवर्षक विमानों को बेलाया से ओलेन्या हवाई अड्डे पर स्थानांतरित किया था, जिसे सैटेलाइट तस्वीरों में देखा गया था. यूक्रेन का हमला ठीक इन्हीं ठिकानों पर हुआ, जिससे यह संदेह और गहरा गया है.
रूस और अमेरिका दोनों के लिए सरप्राइज?
अगर अमेरिका और नाटो को इस हमले के बारे में पता नहीं था, तो यह रूस-यूक्रेन युद्ध में दूसरा बड़ा सरप्राइज माना जाएगा. पिछले साल अगस्त 2024 में यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में अचानक हमला किया था, जिसने रूस को हिलाकर रख दिया था. उस हमले की जानकारी भी अमेरिका को पहले से नहीं थी, और यह बेहद सफल रहा था, जिसमें यूक्रेन ने रूस की जमीन का बड़ा हिस्सा कब्जे में ले लिया था. इस बार भी यूक्रेन की खुफिया एजेंसी ने रूस के भीतर महीनों तक गुप्त रूप से काम किया और ‘स्पाइडर वेब’ नामक ऑपरेशन को अंजाम दिया.

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने…और पढ़ें
योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने… और पढ़ें