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दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति चुनाव के चलते पॉप इंडस्ट्री में V साइन विवादित हो गया है. पीपल्स पावर पार्टी के चुनाव चिन्ह V साइन से मिलते-जुलते होने के कारण सेलेब्रिटीज सतर्क हो गए हैं.

दक्षिण कोरिया में चुनाव के कारण सेलिब्रिटी अब ‘वी’ साइन नहीं बना रहे हैं.(Image:X)
हाइलाइट्स
- दक्षिण कोरिया में V साइन विवादित हो गया है.
- पीपल्स पावर पार्टी का चुनाव चिन्ह V साइन जैसा है.
- सेलेब्रिटीज V साइन से बचने की कोशिश कर रहे हैं.
सियोल. दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मी सिर्फ राजनीतिक गलियारों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर अब कोरिया की पॉप इंडस्ट्री तक पहुंच गया है. 3 जून को होने वाले इस अहम चुनाव से पहले वहां के पॉपुलर सिंगर्स और एक्टर्स तक अपने फोटो पोज को लेकर काफी सतर्क हो गए हैं. जी हां, जो ‘V’ यानी ‘Victory’ साइन कभी फैंस के साथ सेल्फी का ट्रेडमार्क होता था, अब वो कोरिया में अचानक एक ‘पोलिटिकल खतरा’ बन गया है. इसकी वजह है वहां की राजनीति में वी साइन एक खास राजनीतिक पार्टी से का जुड़ जाना.
दरअसल, इस बार के चुनाव में पीपल्स पावर पार्टी का चुनाव चिन्ह और मतपत्र पर उनका स्थान ‘नंबर 2’ है. जो कोरिया की भाषा में बिल्कुल V जैसा दिखता है. ऐसे में कोई भी सेलेब्रिटी अगर अनजाने में भी V साइन बना देता है, तो सोशल मीडिया पर उसे पीपल्स पावर पार्टी के राजनीतिक समर्थन की तरह देखा जा सकता है. ऐसा ही कुछ हाल ही में हुआ जब गर्ल ग्रुप NMIXX की सदस्य ‘बे’ ने यूट्यूब लाइव पर V साइन बनाया, लेकिन तुरंत पीछे हट गई और बोली ‘नहीं! ये मत करो!’.
वहीं TXT और PLAVE जैसे बॉय बैंड भी फोटोज में मुट्ठी भींचे या एक से पांच तक की गिनती दिखाते हुए नजर आए. बॉय बैंड जीरोबेसवन के मेंबर किम ताए रे ने तो अपनी सेल्फी को एडिट तक कर दिया, ताकि वो V साइन ना दिखे. उन्होंने लिखा कि ‘मैंने सुना है इस मौसम में वी साइन नहीं करना चाहिए.’
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दरअसल, दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति यून सूक येओल को पद से हटाए जाने के बाद हो रहे ये चुनाव काफी भावनात्मक माहौल में हो रहे हैं. ली जे-म्यांग (लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी) और किम मून सू (पीपीपी) के बीच सीधा मुकाबला है. सर्वे बता रहे हैं कि ली जे म्यांग को बढ़त मिल रही है. लेकिन कोरिया के पॉप सिंगर के फैन्स के लिए इस चुनाव का मतलब अब बस इतना है कि V साइन बनाना भी सोच-समझकर करना होगा.
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ें
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