छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में ह्यूमन ट्रैफिकिंग एक बार फिर हदें पार कर गई. मासूम सपनों को दिखाकर एक नाबालिग लड़की को दिल्ली घुमाने और नौकरी दिलाने के बहाने बहला-फुसलाकर एक साल पहले बेच दिया गया. अब उसी लड़की ने किसी तरह से देहरादून से फोन कर अपने परिवार को बताया कि वह फंसी हुई है और वापस घर आना चाहती है.
गांव की एक युवती रीना द्वारा इस घिनौने खेल का संचालन किए जाने का आरोप है. लड़की के माता-पिता ने सीतापुर पुलिस थाना पहुंचकर इंसाफ की गुहार लगाई है.
“मां, मुझे बचा लो… मुझे बेच दिया गया है!” बेटी की ये पुकार हिला देगी आपको
ग्राम पेटला की रहने वाली एक 16 वर्षीय नाबालिग को एक साल पहले गांव की ही युवती रीना ने दिल्ली ले जाने का झांसा दिया. कहा गया – “दिल्ली घुमा देंगे, काम दिला देंगे.” लेकिन वहां पहुंचते ही सब कुछ बदल गया.
परिजनों ने बताया कि लड़की का फोन बंद हो गया, कोई संपर्क नहीं हुआ. हाल ही में एक छिपा हुआ कॉल आया, और बेटी ने बताया – “मुझे दिल्ली में बेच दिया गया है, फिर देहरादून शिफ्ट कर दिया गया, जहां मुझसे जबरन काम करवाया जा रहा है और मुझे घरवालों से बात भी नहीं करने देते.”
NGO की मदद से खुला मामला, अब पुलिस से की गई तगड़ी मांग
NGO ‘पथ प्रदर्शक संस्था’ के साथ मिलकर पीड़ित परिजनों ने पूरा मामला सीतापुर पुलिस के सामने रखा. रीना नामक युवती ने पहले तो जानकारी से इनकार किया, लेकिन लड़की की आवाज और कॉल ने पूरे केस को उजागर कर दिया.
पुलिस का दावा – जल्द लाएंगे बेटी को घर
सीतापुर थाना प्रभारी प्रदीप कुमार जायसवाल ने कहा, “मामला संवेदनशील है. हमने उच्चाधिकारियों को सूचना दे दी है और विशेष टीम गठित की जा रही है, जो दिल्ली और देहरादून जाकर लड़की को सुरक्षित घर वापस लाने का प्रयास करेगी.”
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