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एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी आजकल अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में हैं. ऑपरेशन सिंदूर से लेकर आतंकवाद तक, वे कई मुद्दों पर अपनी राय जाहिर कर चुकी हैं. उन्होंने अब अपने बचपन का किस्सा सुनाया और बताया कि कैसे उनका न…और पढ़ें

ममता कुलकर्णी 90s टॉप एक्ट्रेस हैं. (फोटो साभार: IANS)
हाइलाइट्स
- ममता कुलकर्णी का जन्म जमदग्नि गोत्र में हुआ.
- ममता ने 12 साल कठोर तपस्या की.
- ममता का नाम यमाई उनकी दादी के स्वप्न के कारण रखा गया.
नई दिल्ली: एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर हैं. वे अपने दिल की बात कहने से झिझकती नहीं हैं. उन्होंने अब अपने नाम से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा सुनाया. उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस के साथ बातचीत के दौरान बचपन से जुड़े किस्से को शेयर किया, जिसमें उन्होंने बताया कि ऋषि जमदग्नि की पत्नी रेणुका उनकी दादी के सपने में आई थीं और उन्हें लेकर विशेष बात रखी थी. ममता कुलकर्णी ने बताया, ‘मेरा जन्म जमदग्नि गोत्र में हुआ है. मेरी दादी को ऋषि जमदग्नि की पत्नी रेणुका ने स्वप्न दिया था कि मैं इस बच्ची के रूप में यमाई नाम से आ रही हूं, इस लड़की को मेरा नाम दो. फिर मेरा नाम यमाई पड़ा.’
ममता कुलकर्णी ने आगे बताया, ‘संयोग देखिए कि कल्कि अवतार के गुरु भी परशुराम हैं, जो रेणुका के पुत्र और कलियुग के गुरु हैं. मैं आई तो किसी और काम के लिए, मगर खुद-ब-खुद दूसरे काम होते रहे. ईश्वर ने मुझसे जो करवाना चाहा, वो मेरे साथ हो गया.’ ममता कुलकर्णी ने बताया कि उन्होंने 12 साल कठोर तपस्या की है. उन्होंने बताया, ‘मैंने 12 साल कठोर तप किया, मेरी 12 कुंडली जागृत हो गईं. प्रत्येक चक्र पर भगवान स्थापित होते हैं. अंतिम सूर्य चक्र होता है. जब भगवान परीक्षा लेते हैं, तब जाकर आप सूर्य चक्र तक पहुंच पाते हैं. आचार्य प्रमोद कृष्णम का मैं आभार जताती हूं कि उन्होंने मुझे कल्कि धाम के समारोह में निमंत्रण दिया. इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.’
भगवान की भक्ति में जीवन समर्पित
ममता कुलकर्णी ने इससे पहले बताया था कि उनका मानना है कि ईश्वर हर किसी को एक प्रयोजन के साथ धरती पर भेजते हैं. जगत जननी ने उन्हें भी पुण्य कर्मों के लिए भेजा है और वह अपना सब कुछ ईश्वर पर छोड़ चुकी हैं. ममता कुलकर्णी ने बताया था कि जगत जननी ने उन्हें पुण्य कर्मों के लिए भेजा है. वह पहले महाकुंभ में स्नान करने गई थीं. लेकिन, वहां से महामंडलेश्वर बनकर लौटीं. एक्ट्रेस का मानना है कि यह समझना मुश्किल है कि भगवान किस उद्देश्य से और कहां जाने का आदेश देते हैं. वह इसे भगवान की इच्छा पर छोड़ देती हैं, यह विश्वास रखते हुए कि श्री कल्किधाम की यात्रा और शिला दान का कार्य भी भगवती की इच्छा या किसी खास मकसद से प्रेरित है. यह आध्यात्मिकता और भगवान के प्रति समर्पण को दिखाता है.

अभिषेक नागर News 18 Digital में Senior Sub Editor के पद पर काम कर रहे हैं. वे News 18 Digital की एंटरटेनमेंट टीम का हिस्सा हैं. वे बीते 6 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं. वे News 18 Digital से पहल…और पढ़ें
अभिषेक नागर News 18 Digital में Senior Sub Editor के पद पर काम कर रहे हैं. वे News 18 Digital की एंटरटेनमेंट टीम का हिस्सा हैं. वे बीते 6 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं. वे News 18 Digital से पहल… और पढ़ें