Climate Change Warning: ऑस्ट्रेलिया में धूल भरी आंधी ने मचाया कोहराम, एक्सपर्ट ने दी क्लाइमेट चेंज को लेकर डराने वाली चेतावनी

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Climate Change Warning: ऑस्ट्रेलिया में धूल भरे तूफान ने सिडनी को ढंका, स्वास्थ्य अलर्ट जारी. विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन की चेतावनी दी. प्रधानमंत्री ने बाढ़ सहायता की घोषणा की.

धूल भरी आंधी ने मचाया कोहराम, क्लाइमेट चेंज को लेकर आई डराने वाली चेतावनी

धूल भरी तेज़ हवाओं के कारण पूरे इलाके में धुंध छा गई.

हाइलाइट्स

  • ऑस्ट्रेलिया में धूल भरे तूफान से सिडनी प्रभावित.
  • स्वास्थ्य अलर्ट जारी, वायु गुणवत्ता खराब.
  • प्रधानमंत्री ने बाढ़ सहायता की घोषणा की.

सिडनी. ऑस्ट्रेलिया में चल रहे एक विशाल धूल भरे तूफान ने सिडनी को घने धुंध में ढंक दिया है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी अलर्ट जारी किए गए हैं. इसके साथ ही विशेषज्ञों ने देश भर में परिवर्तन के चरम पर होने की चेतावनी जारी की और इसके बढ़ते प्रभाव को रेखांकित किया. न्यू साउथ वेल्स स्वास्थ्य विभाग की तरफ से ने मंगलवार को कुछ क्षेत्रों में बहुत खराब वायु गुणवत्ता के लिए अलर्ट जारी किया गया, क्योंकि दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में धूल भरी तेज़ हवाओं के कारण धुंध छा गई है.

विशेषज्ञों ने कहा कि यह घटना मौसम के बदलते पैटर्न और भूमि क्षरण के प्रति ऑस्ट्रेलिया की संवेदनशीलता की कमी को दर्शाता है. सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सिडनी में विजिटिंग फेलो मिल्टन स्पीयर के अनुसार, दीर्घकालिक वायुमंडलीय परिवर्तन दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में सूखे और पूर्वी तट पर भारी बारिश दोनों में योगदान दे रहे हैं.

मैक्वेरी यूनिवर्सिटी के पॉल बेग्स ने कहा कि इस तरह की घटना दीर्घकालिक जलवायु प्रवृत्तियों को दर्शाती है. शोध से पता चलता है कि 2014 से 2023 तक, ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश भाग में 1950 के दशक की तुलना में अधिक गंभीर सूखा पड़ा है, जिसका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है.

दक्षिणी क्रॉस विश्वविद्यालय के मृदा विशेषज्ञ जॉन ग्रांट ने इस घटना के बाद इसके दीर्घकालिक क्षति की चेतावनी दी. यह धूल भरा तूफ़ान पश्चिमी विक्टोरिया और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में उत्पन्न हुआ, जहां सूखी, भुरभुरी मिट्टी का कटाव हो रहा है. ग्रांट ने कहा, ऐसे में तेज हवा की वजह से होने वाले कटाव से मिट्टी का सबसे उपजाऊ हिस्सा नष्ट हो जाता है. इससे न केवल उत्पादकता कम होती है, बल्कि भूमि के फिर से कटाव की संभावना भी बढ़ जाती है.

उन्होंने कहा, “इसकी वजह से समस्या बढ़ती जा रही है (ऐसा कहा जा सकता है). जलवायु परिवर्तन के प्रभाव इस प्रक्रिया को और बढ़ा रहे हैं.” साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे तूफ़ान लाखों टन ऊपरी मिट्टी को बहा ले जा सकते हैं, जिसका खेती, देश के पारिस्थितिकी तंत्र और मानव स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है.

इससे पहले दिन में, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने भी पूर्वी तट पर बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों के लिए वित्तीय सहायता की प्रतिबद्धता जताई, क्योंकि अधिकारियों ने पुष्टि की कि लगभग 800 घर और व्यवसाय इसकी वजह से नष्ट हो गए हैं. अल्बानीज़ ने बाढ़ संकट के बाद दूसरी बार पूर्वी तट के राज्य न्यू साउथ वेल्स में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, जहां मई में रिकॉर्ड तोड़ बारिश के बाद पांच मौतें हुई हैं.

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Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h… और पढ़ें

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