सिंगापुर ओपन सुपर 750 बैडमिंटन में भारतीय खिलाड़ियों की चुनौती

सिंगापुर: सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की पुरुष जोड़ी फिटनेस संबंधी चिंताओं को दूर करने के बाद मंगलवार से यहां शुरू हो रहे सिंगापुर ओपन सुपर 750 बैडमिंटन टूर्नामेंट में सितारों से सजी भारतीय चुनौती की अगुवाई करेगी.

विश्व की पूर्व नंबर एक जोड़ी ने पिछली बार मार्च में ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में चुनौती पेश की थी. यह जोड़ी हालांकि चिराग की पीठ की चोट के कारण दूसरे दौर में ही हट गई थी. सात्विक की स्वास्थ्य समस्याओं के कारण वे सुदीरमन कप से भी नहीं खेल सके थे.

इस साल की शुरुआत में मलेशिया ओपन और इंडिया ओपन के सेमीफाइनल में पहुंचे वाली यह भारतीय जोड़ी यहां मलेशिया के चूंग होन जियान और मुहम्मद हाइकल के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेगी.

पिछले सप्ताह मलेशिया मास्टर्स के फाइनल में पहुंचकर किदांबी श्रीकांत ने खुद की और पिछले कुछ महीनों में भारतीय बैडमिंटन पर छाई निराशा को दूर करने में कामयाबी हासिल की.

उन्होंने पिछले कुछ महीनों से भारत के एकल खिलाड़ियों के टूर्नामेंट में सप्ताह दर सप्ताह अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहने की परिपाटी को तोड़ा. श्रीकांत हालांकि इस सप्ताह प्रतिस्पर्धा नहीं करेंगे लेकिन वह अपने हमवतन खिलाड़ियों को 10 लाख डॉलर पुरस्कार राशि वाले टूर्नामेंट में अच्छा करने के लिए  प्रेरित जरूर करेंगे.

विश्व चैंपियनशिप (2023) के कांस्य पदक विजेता एचएस प्रणय ने कुआलालंपुर में श्रीकांत के शानदार प्रदर्शन को करीब से देखा था. वह डेनमार्क के रासमस गेम्के के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करते समय इसी तरह का दमदार प्रदर्शन करना चाहेंगे. प्रणय पिछले साल चिकनगुनिया से जूझने के बाद लय हासिल करने की कोशिश में हैं.

लक्ष्य सेन शुरुआती दौर में लिन चुन-यी का सामना करके अपनी फिटनेस पर संदेह को दूर करना चाहेंगे. 2021 विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता अल्मोड़ा के 23 वर्षीय खिलाड़ी ने पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद से निराशाजनक प्रदर्शन किया है. वह इस सत्र में चार बार शुरुआती दौर से ही बाहर हो गए हैं.

प्रियांशु राजावत भी मौजूदा सत्र में प्रभावित करने में नाकाम रहे हैं. 23 साल का यह खिलाड़ी छह प्रतियोगिताओं में शुरुआती दौर की बाधा पार करने में विफल रहा है. किरण जॉर्ज भी इंडिया ओपन के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के बाद उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं.  वह चीन के वेंग हांग यांग के खिलाफ अपने मौके को भुनाना चाहेंगे.

महिला एकल में अनुभवी पीवी सिंधु अब भी वापसी की राह पर है. अपनी कोचिंग टीम में कई बार बदलाव करने के बाद बावजूद दो बार की ओलंपिक पदक विजेता के प्रदर्शन में निरंतरता नहीं दिखी है. इस 29 वर्षीय खिलाड़ी को फरवरी में गुवाहाटी में अभ्यास के दौरान हैमस्ट्रिंग (मांसपेशियों की खिंचाव) की चोट लगी थी. उन्हें इसके कारण एशिया टीम चैंपियनशिप से बाहर होना पड़ा था.

चोट से वापसी के बाद से उन्हें थुई लिन्ह गुयेन, पुत्री कुसुमा वर्दानी और किम ग्यून जैसे खिलाड़ियों के खिलाफ शुरुआती चरणों में हार का सामना करना पड़ा है. पूर्व विश्व चैंपियन सिंधु का सामना पहले दौर में कनाडा की वेन यू झांग से होगा.

महिला वर्ग में अन्य भारतीय खिलाड़ियों के सामने मुश्किल चुनौती होगी. अनमोल खरब का मुकाबला पूर्व ओलंपिक चैंपियन चीन के चेन यू फी से होगा जबकि आकर्षी कश्यप तीसरी वरीयता प्राप्त हान यू के खिलाफ कोर्ट में उतरेंगी.

मालविका बंसोड़ का सामना थाईलैंड की सुपानिडा काटेथोंग से और रक्षिता रामराज का मुकाबला दक्षिण कोरिया की किम गा इयोन से होगा. अनुपमा उपाध्याय चीनी ताइपे की सुंग शुओ युन से भिड़ेंगी जबकि उन्नति हुड्डा का सामना दूसरी वरीयता प्राप्त मलेशिया मास्टर्स चैंपियन वांग झीयी से होगा.

भारत की शीर्ष वरीयता प्राप्त महिला युगल जोड़ी तृषा जॉली और गायत्री गोपीचंद से टूर्नामेंट में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है. आठवीं वरीयता प्राप्त यह  जोड़ी चीनी ताइपे की चांग चिंग हुई और यांग चिंग टुन के खिलाफ अपना अभियान शुरू करेगी.

मिश्रित युगल में ध्रुव कपिला एवं तनीषा क्रास्टो और रोहन कपूर एवं रुतविका शिवानी गड्डे की जोड़ियों चुनौती पेश करेंगी.

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