मारुबो जनजाति को हाई-स्पीड इंटरनेट से दिक्कत, ठोका 1400 करोड़ का मुकदमा

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Elon Musk sued by Brazilian tribe: स्टारलिंक से हाई स्पीड इंटरनेट की दुनिया में तहलका मचाने वाले एलन मस्क को अब इसकी वजह से कोर्ट-कचेहरी के चक्कर में फंसना पड़ेगा. उन्हें कोर्ट में चैलेंज किया है ब्राज़ील की मा…और पढ़ें

एलन मस्क के इंटरनेट से आदिवासी हुए नाराज, 13,06,07,88,600₹ का ठोंका मुकदमा

ब्राज़ील के ट्राइब हुए हाई स्पीड इंटरनेट से नाराज़. (AI Generated)

हाइलाइट्स

  • ब्राजील की मारुबो जनजाति ने हाई स्पीड इंटरनेट से दिक्कत.
  • जनजाति ने 1400 करोड़ रुपये का मानहानि का दावा किया.
  • इंटरनेट से जनजाति की संस्कृति को नुकसान पहुंचने का आरोप.

ब्राजील के जावारी घाटी में रहने वाली मारुबो जनजाति को एलन मस्क की स्टारलिंक ने हाई-स्पीड इंटरनेट की सौगात दी. इससे जनजाति के करीब 2,000 लोगों की जिंदगी में क्रांति आ गई. उनके लिए आपात स्थिति में मदद बुलाना आसान हो गया, मेडिकल हेलिकॉप्टर अब घंटों में पहुंच जाते हैं और दूर रहने वाले रिश्तेदारों से बातचीत भी शुरू हो गई. हालांकि उनकी कहानी ने अनोखा मोड़ तब ले लिया, जब इंटरनेट के नुकसान सामने आने लगे.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट से भड़के ट्राइब

जून 2024 में न्यूयॉर्क टाइम्स ने मारुबो जनजाति के गांवों का दौरा किया और एक रिपोर्ट छापी. इसमें कहा गया कि इंटरनेट के आने से जनजाति की युवा आबादी गंदी फिल्में देखने के आदी हो गए और घंटों सोशल मीडिया पर बिता रहे हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि जनजाति के नौजवान फोन से चिपके रहते हैं, ग्रुप चैट में गपशप, हिंसक वीडियो गेम्स, और गंदी फिल्में देखते हैं. मारुबो जनजाति चूंकि एक रुढ़िवादी समुदाय है, ऐसे में उन्होंने इसे अपनी संस्कृति के विनाश के तौर पर देखा है.

ठोका 1400 करोड़ का मुकदमा!

मारुबो जनजाति को यह रिपोर्ट बिल्कुल पसंद नहीं आई. मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने लॉस एंजिल्स कोर्ट में 133 मिलियन पाउंड (लगभग 1,400 करोड़ रुपये) का मानहानि का मुकदमा ठोक दिया. इसमें न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ-साथ टीएमजेड, और याहू जैसे न्यूज़ आउटलेट्स को मारुबो जनजाति ने लपेटे में लिया है. जनजाति का कहना है कि उनकी छवि को गलत तरीके से पेश किया. मुकदमे में कहा गया कि इन खबरों ने यह दिखाया कि इंटरनेट के कारण मारुबो लोग नैतिक और सामाजिक रूप से पतन की ओर बढ़ गए, जो उनकी संस्कृति और मूल्यों पर हमला है.

क्या होगा आगे?

मारुबो जनजाति का केस दिखाता है कि इंटरनेट अगर वरदान है, तो ये अभिशाप भी बन सकता है. एक तरफ, इसने उनकी जिंदगी को आसान बनाया, दूसरी तरफ मीडिया की सनसनीखेज खबरों ने उनकी छवि को दागदार कर दिया. अब ये मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद जहां मीडिया आउटलेट अपनी रिपोर्ट को हार्मलेस साबित करेंगे, तो जनजाति अपनी बातों को सही ठहराने की पूरी कोशिश करेगी.

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Prateeti Pandey

News18 में Offbeat डेस्क पर कार्यरत हैं. इससे पहले Zee Media Ltd. में डिजिटल के साथ टीवी पत्रकारिता भी अनुभव रहा है. डिजिटल वीडियो के लेखन और प्रोडक्शन की भी जानकारी . टीवी पत्रकारिता के दौरान कला-साहित्य के सा…और पढ़ें

News18 में Offbeat डेस्क पर कार्यरत हैं. इससे पहले Zee Media Ltd. में डिजिटल के साथ टीवी पत्रकारिता भी अनुभव रहा है. डिजिटल वीडियो के लेखन और प्रोडक्शन की भी जानकारी . टीवी पत्रकारिता के दौरान कला-साहित्य के सा… और पढ़ें

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एलन मस्क के इंटरनेट से आदिवासी हुए नाराज, 13,06,07,88,600₹ का ठोंका मुकदमा

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