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Rajnandgaon News: संग्रहालय परिसर में बड़ी-बड़ी घास उग आई है. भवन खंडहर में तब्दील होते जा रहा है. यहां रखी राजाओं की फोटो, पोशाक, हथियारों के साथ ही प्राचीन पत्थर की मूर्तियां देखरेख के अभाव में खराब हो रही है…और पढ़ें

पुरातत्व संग्रहालय कलेक्ट्रेट कार्यालय के पास स्थित है.
राजनांदगांव. छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव शहर के कलेक्ट्रेट कार्यालय के पास स्थित पुरातत्व संग्रहालय देखरेख के अभाव में खस्ताहाल होता जा रहा है. इस संग्रहालय में जिले भर के विभिन्न क्षेत्रों से लाई हुई मूर्तियां, यहां के राजाओं के पोशाकें और अन्य खास चीजें रखी हुई हैं लेकिन देखरेख के अभाव में यह उजाड़ होते जा रहा है. पुरातत्व संग्रहालय भवन देखरेख के अभाव में पूरी तरीके से खराब होता जा रहा है. बाहर से देखने पर यहां खरपतवार उगा हुआ है और यह खंडहर में तब्दील हो रहा है. वहीं प्राचीनकालीन मूर्तियां भी देखरेख के अभाव में खराब हो रही हैं. राजाओं के पोशाकें और हथियार भी धूल खाते हुए नजर आ रहे हैं.
दक्षिण कौशल की रियासतों में से एक राजनांदगांव की नींव सांस्कृतिक राजधानी नंदग्राम के तौर पर पड़ी और यहां के राजाओं की अपनी एक अलग पहचान रही लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के चलते पुरातत्व विरासतों को सहेजने वाला एकमात्र संग्रहालय का अस्तित्व संकट में नजर आ रहा है. राजनांदगांव कलेक्ट्रेट कार्यालय के पास स्थित जिला पुरातत्व संग्रहालय वीरान और उजाड़ होते जा रहा है. संग्रहालय परिसर में बड़ी-बड़ी घास उग गई है और भवन भी खंडहर में तब्दील होते जा रहा है. इसके साथ ही वहां रखी राजाओं की फोटो, पोशाकों के साथ ही प्राचीन पत्थर की मूर्तियां देखरेख के अभाव में उजाड़ होते जा रही हैं. प्रशासनिक उदासीनता के चलते म्यूजियम की देखभाल नहीं हो पा रही है. जहां कभी प्राचीन धरोहर देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब यह संग्रहालय वीरान हो रहा है.
2008 में हुई थी संग्रहालय की स्थापना
पुरातात्विक और राजवंश से संबंधित महत्वपूर्ण संग्रहण के चलते यह संग्रहालय और विशेष हो जाता है लेकिन देखरेख के अभाव में रियासत के इतिहास की ओर रुझान की कमी के चलते यह उजाड़ पड़ा है. अगस्त 2008 में इस संग्रहालय की स्थापना तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा की गई थी. इस संग्रहालय में राजवंश के हथियार, कपड़े और पुरातात्विक महत्व के कुछ अवशेष संग्रहीत हैं. 13वीं और 14वीं सदी की मूर्तियां भी इसी इमारत में मौजूद हैं. देखरेख के अभाव में इस पुरातत्व संग्रहालय का अंदर का हिस्सा भी खंडहर में तब्दील होता जा रहा है.
संग्रहालय को दुरुस्त करेगा प्रशासन
कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने इस बारे में कहा कि आपके माध्यम से जानकारी मिली है, इसमें पहल करेंगे क्योंकि यह शहर बहुत ऐतिहासिक शहर है. संग्रहालय में जो भी संरचनाएं हैं, प्रशासन उनका ख्याल रखने की पूरी कोशिश करेगा. वहीं जिला पुरातत्व संग्रहालय की स्थिति को देखते हुए यहां आने वाले लोगों की संख्या न के बराबर है. इसके साथ ही प्रचार-प्रसार भी नहीं होने के कारण लोग यहां नहीं पहुंचते. जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर के पास यह मौजूद है, जहां राजाओं की गौरवशाली विरासत संग्रहित करके रखी गई है लेकिन भवन में भव्यता के बजाय उजाड़ और जंग लगा इतिहास नजर आ रहा है और इसकी सुविधा का लाभ लोग नहीं ले पा रहे हैं.