वॉशिंगटन. अमेरिका में जन्मे कैथोलिक चर्च के पहले पोप लियो 14वें के अमेरिकी नागरिक बने रहने को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. साल 1955 में शिकागो में रॉबर्ट प्रीवोस्ट के रूप में जन्मे, नए पोप के पास पिछले एक दशक से अमेरिका और पेरू की दोहरी नागरिकता है, जहां उन्होंने एक मिशनरी और बिशप के रूप में समय काम किया था. पोप के रूप में, लियो कैथोलिक चर्च के शासी निकाय ‘होली सी’ और एक स्वतंत्र राज्य वेटिकन सिटी दोनों के नेता के रूप में कार्य कर रहे हैं.
वेटिकन सिटी केवल 0.17 वर्ग मील (0.44 वर्ग किलोमीटर) में फैला है और इसकी आबादी एक हजार से कम है. 1929 में इटली और होली सी के बीच एक संधि के तहत यह एक स्वतंत्र देश बन गया था.
विदेशी सरकारों के लिए काम करने वाले अमेरिकियों की नागरिकता अपने आप खत्म होने का खतरा नहीं होता. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि वह उन अमेरिकियों की नागरिकता की स्थिति की ‘सक्रिय रूप से समीक्षा’ कर सकता है जो ‘विदेशी राष्ट्र प्रमुख, सरकार के विदेशी प्रमुख या विदेश मंत्री हैं.’
उन्हें मिली छूट इस संवैधानिक सिद्धांत पर सवाल खड़े करती है कि कोई भी अमेरिकी नागरिक कानून से ऊपर नहीं होता. हालांकि, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 1980 के एक फैसले में कहा था कि अमेरिकियों से तब तक उनकी नागरिकता वापस नहीं ली जा सकती जब तक कि वे स्वयं इसे त्याग न दें.
इस तरह के दूसरे मामलों में क्या हुआ है, यह जानकार पोप की नागरिकता से जुड़े सवाल का जवाब तलाशा जा सकता है.
मोहम्मद अब्दुल्लाही मोहम्मद को 2017 में सोमालिया का राष्ट्रपति चुना गया था, तब वह अमेरिका के नागरिक थे. सोमालिया में जन्मे, मोहम्मद 1985 में अमेरिका चले गए थे और 1990 के दशक में अमेरिकी नागरिक बन गए थे. सोमालिया का राष्ट्रपति बनने के दो साल बाद मोहम्मद ने अपनी अमेरिकी नागरिकता छोड़ दी थी.
ऐसे में पोप की नागरिकता से जुड़े सवाल का जवाब इन उदाहरणों के जरिए ढूंढा जा सकता है. पिछले उदाहरणों से साफ है कि इन नेताओं ने खुद अमेरिकी नागरिकता छोड़ी थी और अमेरिका की ओर से उन्हें नागरिकता छोड़ने के लिए नहीं कहा गया था.