रायपुर. छत्तीसगढ़ में सांपों की नई प्रजातियां तेजी से बढ़ रही हैं और घरों और गांवों तक पहुंच रही हैं. सांपों से डरने की बजाय उन्हें समझने और जानने की जरूरत है. देखिए News18 की खास रिपोर्ट…
जहरीले सांपों में रस्लश वाईपर, जिसे क्षेत्रीय भाषा में महामंडल, पत्थर चित्ती, चंदन बोड़ा और जर्थरा सबसे आगे है. बैंबू पिट वाईपर और शॉ स्केल्ड वाईपर (फुर्सा) भी हेमोटॉक्सिक होते हैं. इनके काटने से तीव्र दर्द, सूजन, रक्तस्राव, रक्त का थक्का न बनना और किडनी फेल होने की समस्या हो सकती है. इनका उपचार पॉलीवैलेन्ट ASV (Anti Snake Venom) से किया जाता है और फौरन अस्पताल ले जाना जरूरी होता है.
1. इंडियन कोबरा
2. कॉमन करैत
3. बैंडेड करैत (ये थोड़ा कम दिखते हैं, लेकिन बहुत जहरीले होते हैं)
इनके काटने के बाद हालत इतनी तेज बिगड़ती है कि लोग कहते हैं, ‘इसका काटा पानी भी नहीं मांगता.’ इसलिए किसी भी सांप के काटने पर लापरवाही बिल्कुल ना करें, तुरंत मेडिकल मदद लें.
सांप काटने के बाद बचाव उपाय…
- व्यक्ति को शांत रखें और भागने या दौड़ने न दें.
- काटे गए अंग को स्थिर रखें और हृदय के नीचे रखें.
- पेन से गोल निशान बना लें.
- साफ पट्टी बांधें (Pressure Immobilization Method).
- पट्टी हमेशा ऊपर से नीचे की ओर हल्का टाइट बांधें, लेकिन पूरी तरह से रक्त प्रवाह को बंद न करें.
- तुरंत अस्पताल पहुंचाएं – ASV केवल अस्पताल में ही दिया जा सकता है.
- घाव को न काटें, जहर न चूसें और बर्फ या गर्म पानी न लगाएं.
- झाड़-फूंक और जड़ी-बूटी जैसे घरेलू उपायों पर भरोसा न करें.
- 2 से ढाई घंटे बहुत अहम होते हैं, सीधे सरकारी स्वास्थ्य केंद्र जाना चाहिए.
- छत्तीसगढ़ के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में 10 से 15 एंटी वेनम रखने की अनुमति होती है.
रायपुर में अब तक 402 बन चुके सांप का शिकार
प्रदेश के जशपुर, कोरबा, रायगढ़, सरगुजा और बस्तर में स्नेक बाइट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. रायपुर जिले में ही 402 लोगों को सांप ने काटा है, जिसमें सबसे अधिक मामले अभनपुर में दर्ज किए गए हैं, जहां 174 लोगों को सांप ने काटा है.