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Thailand Gold Treasure Found: थाईलैंड के प्राचीन वाट थम्माचक सेमाराम मंदिर में खुदाई के दौरान 1300 साल पुरानी लेटी बुद्ध प्रतिमा के नीचे सोने, चांदी और कांस्य के 33 बेशकीमती खजाने मिले. इनमें धातु की चादरों पर …और पढ़ें

बैंकाक: थाईलैंड के एक प्राचीन मंदिर में खुदाई के दौरान पुरातत्वविदों को एक हैरान करने वाली चीज मिली है. इस चीज ने हर किसी को चौंका दिया. वाट थम्माचक सेमाराम मंदिर में प्राचीन खजाना मिला है. 1300 साल पुरानी एक विशाल लेटी हुई बुद्ध प्रतिमा के नीचे पुरातत्वविदों को सोने, चांदी और कांस्य से बने 33 बेशकीमती खजाने मिले. यह खोज न सिर्फ इतिहास को उजागर करती है, बल्कि उस दौर की कला और संस्कृति की भी झलक देती है. खुदाई के दौरान, चार फीट नीचे एक मिट्टी का बर्तन मिला, जिसमें सोने की अंगूठियां, चांदी की बालियां और कांस्य के खास हूप इयररिंग्स थे. इतिहास और कला के दीवानों के लिए यह किसी सपने से कम नहीं.
मंदिर में एक ड्रेनेज सिस्टम बनाने के लिए खुदाई चल रही थी. इस दौरान चार फीट की गहराई में खोदते समय एक मिट्टी का बर्तन मिला. थाईलैंड के फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट के मुताबिक, ये गहने उस दौर की कला का बेमिसाल नमूना हैं. एक खजाना मिलने के बाद टीम और जोश में आ गई. उन्होंने 43 फीट लंबी और 657 ईस्वी में बनी इस बुद्ध प्रतिमा के आसपास और खुदाई की. यह बुद्ध प्रतिमा थाईलैंड की सबसे लंबी और पुरानी मूर्तियों में से एक है. इस दौरान तीन और शानदार चीजें मिलीं – धातु की चादरें, जिन पर रेपुसे’ (Repousse) तकनीक से बारीक नक्काशी की गई थी.
पहले खजाने में क्या मिला?
पहली खोज एक 3×5 इंच की सोने की चादर थी, जिस पर बुद्ध शिक्षक की मुद्रा में बैठे दिखे. उनके सिर पर घुंघराले बाल, बड़े-बड़े कान, एक कंधे पर चादर और सिर के पीछे चमकदार आभा है. इस चादर में एक छोटा छेद था, जिससे लगता है कि इसे धागे से लटकाकर गहने या सजावट के लिए इस्तेमाल किया जाता था. दूसरी चादर, जो सीसे और टिन के मिश्रण से बनी थी, उसमें बुद्ध एक मेहराब के नीचे खड़े थे. उनके साथ दो और आकृतियां खड़ी दिखीं. बाईं तरफ के बारे में जानकारी नहीं हो सकी. रिपोर्ट्स के मुताबिक दाईं तरफ शायद हिंदू देवता ब्रह्मा का थाई रूप है. यह चादर 4.5×6 इंच की थी.
रहस्यमयी तीसरा खजाना
तीसरी खोज में मिट्टी और सीमेंट के बीच कई धातु की चादरें जमा मिलीं. नुकसान के कारण यह साफ नहीं हो सका कि इन पर क्या था, लेकिन फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट के निदेशक फनोमबूत्र चंत्राचोट का कहना है कि बुद्ध के सिर के पास यह खजाना जानबूझकर रखा गया था. संभव है कि यह शायद किसी धार्मिक अनुष्ठान के लिए था. ये सारी बेशकीमती चीजें अब फिमाई नेशनल म्यूजियम में सुरक्षित हैं, जहां इनका संरक्षण और अध्ययन हो रहा है.

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने…और पढ़ें
योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने… और पढ़ें