US Travel Ban: डोनाल्ड ट्रंप ने 12 मुस्लिम देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाई

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अमेरिका की सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए हैं. उन्होंने 12 देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है. इसके साथ ही 7 अन्य देशों के लिए भी अमेरिकी प्रशासन की ओर से सख्त शर्तें लागू की गई हैं. ट्रंप ने यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा और अमेरिकी नागरिकों के हितों की रक्षा का हवाला देते हुए लिया है.

ट्रंप इस वक्त अपनी अजीबोगरीब नीतियों की वजह से चर्चा में हैं. कहीं टैरिफ बढ़ा रहे हैं तो कई उन देशों से सौदे कर रहे हैं, जो कल तक उनके दुश्मन है. उन्होंने एक बार फिर ऐसा ऑर्डर साइन किया है कि वो दुनियाभर में चर्चा बटोर रहा है. ट्रंप ने अपने अमेरिका में 12 देशों के नागरिकों की एंट्री पर बैन लगा दिया है.

मुसलमान आबादी बहुल देशों पर बैन!

ट्रंप ने बुधवार रात एक आधिकारिक घोषणा पर दस्तखत किए हैं, जिसके मुताबिक 12 देशों पर ट्रैवल बैन लगाया गया है. दिलचस्प बात ये है कि सभी 12 देश मुस्लिम बहुल आबादी वाले हैं. इनके नाम हैं – अफगानिस्तान, म्यांमार, चाड, कांगो, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन. इसके साथ ही 7 देशों – बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला के नागरिकों पर भी कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे.

अमेरिका की सुरक्षा से समझौता नहीं

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है – ‘मुझे अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और उसके नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए कार्य करना चाहिए. जो देश अमेरिका के प्रति शत्रुतापूर्ण रुख रखते हैं, उनके नागरिकों के प्रवेश को नियंत्रित करना हमारी प्राथमिकता है.’ उन्होंने बताया कि राज्य विभाग, होमलैंड सिक्योरिटी और खुफिया एजेंसियों को 20 जनवरी को एक रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया गया था ताकि इस बात का आंकलन किया जा सके वे कौन से देश हैं, जो अमेरिकी सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं.

2017 में भी ऐसा कर चुके हैं ट्रंप

ट्रंप ने जब साल 2017 में सत्ता संभाली थी, तब भी जनवरी महीने में ऐसा ही आदेश जारी किया था. उस वक्त अमेरिका ने सात मुस्लिम देशों — इराक, सीरिया, ईरान, सूडान, लीबिया, सोमालिया और यमन के नागरिकों पर अमेरिका यात्रा का प्रतिबंध लगाया गया था. उनके इस फैसले को लेकर तब भी काफी विवाद हुआ था और इसमें कई बदलाव भी किए गए थे. 2018 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने संशोधित आदेश को मंजूरी दी, जिसके बाद कुछ देशों पर आंशिक और कुछ पर पूर्ण प्रतिबंध लागू रहा.

‘इसे मुस्लिम बैन मत कहिए’

हालांकि ट्रंप प्रशासन ने इस बैन को मुस्लिम बैन कहे जाने से इनकार किया है, लेकिन ये कहा जा रहा है कि ये फैसला धार्मिक भेदभाव पर आधारित है. ट्रंप ने साल 2016 के अपने राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान मुसलमानों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की बात खुले तौर पर कही थी और एक बार फिर वो अपनी उसी बात की तस्दीक कर रहे हैं.

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