Pakistan Spy Agent News| Jasbir Singh| Jyoti Malhotra: कोई मोची, कोई दर्जी, कोई बेचता सिम कार्ड! 8 पाकिस्तानी एजेंट गिरफ्तार, ISI कर रही इन्फ्लुएंसर्स का इस्तेमाल


चंडीगढ़: एक समय था जब जासूस छुपकर सीमाएं पार करते थे, लेकिन अब जासूसी कैमरे के पीछे से हो रही है, वो भी सोशल मीडिया के जरिए. हरियाणा से लेकर पंजाब तक पुलिस की हालिया कार्रवाइयों ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है, जहां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI अब भारतीय यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को जासूसी के लिए इस्तेमाल कर रही है.

हरियाणा पुलिस द्वारा यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के कुछ ही दिनों बाद पंजाब पुलिस ने रोपड़ के यूट्यूबर जसबीर सिंह को गिरफ्तार किया. जसबीर के यूट्यूब चैनल ‘जान महल वीडियो’ के 11 लाख सब्सक्राइबर हैं, और वह तीन बार पाकिस्तान जा चुका है. पुलिस का दावा है कि जसबीर को पाकिस्तान में ISI अधिकारियों से सीधे संपर्क में लाया गया, जहां उसे ‘नैरेटिव बिल्डिंग’ और ‘सेंसिटिव इनफार्मेशन कलेक्शन’ के लिए तैयार किया गया.

जसबीर सिंह के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने भारतीय सेना की गतिविधियों और मूवमेंट की सेंसिटिव जानकारी पाकिस्तान में अपने हैंडलर्स को पहुंचाई. इतना ही नहीं, वह दिल्ली में आयोजित पाकिस्तान नेशनल डे प्रोग्राम में भी शामिल हुए थे, जिसे एक निष्कासित पाकिस्तानी राजनयिक एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश ने आयोजित किया था.

ब्लॉगिंग के नाम पर गुमराह
जसबीर और ज्योति दोनों के पाकिस्तान में शूट किए गए कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं. इनमें वे धार्मिक स्थलों की यात्रा, सड़क किनारे खाना खाते और आम व्लॉगर की तरह व्यवहार करते नजर आते हैं, लेकिन पुलिस के मुताबिक, इन्हीं वीडियो की आड़ में सैन्य ठिकानों और एयरबेस की जानकारियां ली जा रही थीं. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह ISI की ‘इवॉल्विंग स्पाई स्ट्रैटेजी’ का हिस्सा है. अब वे पेशेवर जासूसों की बजाय ऐसे चेहरों का इस्तेमाल कर रहे हैं जिनकी पहुंच, पहचान और ‘इन्फ्लुएंसर छवि’ के चलते वे बिना शक के कई जगह जा सकते हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘अब युद्ध सिर्फ सीमा पर नहीं, बल्कि यूट्यूब चैनल, इंस्टाग्राम रील और फेसबुक पोस्ट के जरिए लड़ा जा रहा है. ISI अब ऐसे ‘यूजर्स’ की तलाश में है, जो भले ही खुद को व्लॉगर, ट्रैवलर या पत्रकार कहें, लेकिन असल में एक सॉफ्ट टूल बन जाते हैं दुश्मन की जासूसी रणनीति के लिए.’

पुलिस यह भी जांच रही है कि क्या यह नेटवर्क हाल ही में कश्मीर में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद बना या ISI इसे लंबे समय से खामोशी से तैयार कर रहा था. अफसरों के मुताबिक, इस तरह के नेटवर्क को बनाने के लिए ISI अपने टारगेट को किसी कार्यक्रम में बुलाती है, दोस्ती करती है और धीरे-धीरे उन्हें अपने पक्ष में ले आती है.

2 महीने में पकड़े 8 जासूस
पुलिस जांच में सामने आया है कि इस नेटवर्क का दायरा बहुत बड़ा है. पिछले एक महीने में पंजाब पुलिस ने आठ और लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें एक मोची, एक दर्जी, एक सिम कार्ड विक्रेता और कई अन्य आम लोग शामिल हैं.

28 अप्रैल: बठिंडा सैन्य स्टेशन में काम कर रहे मोची सुनील कुमार को गिरफ्तार किया गया. आरोप है कि एक महिला के जरिए फंसाकर उससे गोपनीय जानकारी निकलवाई गई.

3 मई: अमृतसर के बहलरवाल गांव के सूरज मसीह और फलक शेर मसीह को सैन्य कैंटोनमेंट, BSF की पोस्ट, और एयरबेस की तस्वीरें और जानकारी पाकिस्तान भेजने के आरोप में पकड़ा गया.

8 मई: मलेरकोटला से गजाला और यामीन मोहम्मद को ‘पाकिस्तानी हैंडलर’ को मिलिट्री डेटा लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. इसी केस में पाक हाई कमीशन अधिकारी दानिश का नाम सामने आया.

12 मई: पठानकोट के नीरज कुमार को एक सिम कार्ड के जरिए पाकिस्तान में एक्टिव रहने के आधार पर पकड़ा गया.

12 मई: बठिंडा छावनी में दर्जी के रूप में काम कर रहे रकीब को ISI के संपर्क में होने और संदिग्ध सैन्य दस्तावेज रखने के आरोप में हिरासत में लिया गया.

15 मई: गुरदासपुर में सुखप्रीत सिंह और करनबीर सिंह को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ी संवेदनशील जानकारी ISI को देने के मामले में गिरफ्तार किया गया.

3 जून: तरनतारण में गगनदीप सिंह उर्फ गगन को सेना की मूवमेंट की जानकारी पाकिस्तान के खालिस्तानी समर्थक नेता गोपाल सिंह चावला को भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.

3 जून: यूट्यूबर जसबीर सिंह को गिरफ्तार किया.



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