रामकुमार नायक, रायपुर: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में भंवरपुर रोड पर शाम होते ही एक मोबाइल वैन के पास भीड़ उमड़ने लगती है. कोई बाइक से आता है, कोई पैदल सबको चाहिए बस एक ही चीज़: “पटेल चाट सेंटर” की चटपटी चाट. ये सिर्फ एक दुकान नहीं, बल्कि संघर्ष, स्वाद और सफलता का वो मेल है जिसने एक ठेले से चलकर अब “छोटा हाथी” मोबाइल वैन तक का सफर तय किया है.
करीब छह साल पहले नंदकुमार पटेल के पिता ने एक ठेले पर चाट बेचना शुरू किया. संसाधन सीमित थे, लेकिन मेहनत और ईमानदारी की कोई कमी नहीं थी. उन्होंने न सिर्फ स्वाद पर ध्यान दिया, बल्कि हर ग्राहक को परिवार की तरह ट्रीट किया.
छोटा हाथी बनी बड़ी पहचान
आज वही दुकान एक मोबाइल फूड वैन “छोटा हाथी” में बदल गई है. हर शाम 4 से 7 बजे के बीच, यहां कॉलेज स्टूडेंट्स, ऑफिस से लौटते कर्मचारी और परिवार वाले स्वाद लेने ज़रूर आते हैं.
यहां मिलने वाली पानीपुरी सिर्फ 10 रुपए में 5 नग मिलती है और समोसा चाट, ग्रीन चाट, भेल, पापड़ी चाट, दही गुपचुप जैसे आइटम 20 रुपए प्लेट में उपलब्ध हैं. सबसे ज्यादा डिमांड ग्रीन चाट और दही गुपचुप की रहती है. हर दिन लगभग 150 प्लेट ग्रीन चाट बिकती है, जिससे 4 से 5 हजार रुपए की रोज़ की इनकम हो जाती है.
स्वाद जिसने दिल छू लिया
नंदकुमार कहते हैं कि हमारे पास बहुत कुछ नहीं था, लेकिन बाबूजी के हाथों का स्वाद और ग्राहकों की मोहब्बत ने आज हमें इस मुकाम तक पहुंचाया. हर ग्राहक यहां दोबारा लौटता है क्योंकि स्वाद में निरंतरता और दिल से किया गया स्वागत हर किसी को खास महसूस कराता है.
अब यह दुकान बस एक जगह नहीं, बल्कि बसना क्षेत्र की एक पहचान बन चुकी है. छोटे शहर में एक बड़े सपने ने जगह बनाई है, वो भी बिना किसी मार्केटिंग बजट के सिर्फ स्वाद और सेवा से.
अब सपना है फूड ट्रक बनाकर राज्यभर में फैलने का
नंदकुमार अब एक फुल-फ्लेज्ड फूड ट्रक लॉन्च करने की योजना में हैं, जिससे आसपास के अन्य कस्बों में भी यह स्वाद पहुंच सके.
ये भी पढ़ें: गंगा भी पाप धोने आती हैं इस नदी में! गंगा दशहरा पर होता है यह अद्भुत संगम, जानिए कहां और क्यों?