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Raipur Crime Case : रायपुर में सूदखोरी का अवैध धंधा तेजी से बढ़ रहा है, जिससे लोग आत्महत्या तक कर रहे हैं. पुलिस और प्रशासन ने अब संगठित अपराध के तहत एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू की है.

रायपुर में पुलिस ने सूदखोरी मामले में शिकंजा कसा है.
हाइलाइट्स
- रायपुर में सूदखोरी पर पहली बार संगठित अपराध का केस दर्ज हुआ.
- सूदखोरों ने 17 लाख के बदले 40 लाख से अधिक वसूले.
- पुलिस और प्रशासन ने अवैध सूदखोरी पर शिकंजा कसना शुरू किया.
रायपुर. राजधानी सहित पूरे छत्तीसगढ़ में सूदखोरी का अवैध धंधा तेजी से पनप रहा है. कर्ज से परेशान होकर लोग आत्महत्या तक कर रहे हैं, वहीं कई मामलों में सूदखोरों द्वारा मारपीट और जबरन वसूली की शिकायतें भी सामने आ रही हैं. इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए अब पुलिस और जिला प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. रायगढ़ और रायपुर में सामने आए कुछ हालिया मामलों के बाद पहली बार सूदखोरी के धंधे में संगठित अपराध (Organized Crime) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, जो इस समस्या से निपटने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
’17 लाख के बदले 40 लाख’: रायपुर का ताजा मामला
रायपुर में सुनील रंगलानी के मामले ने सूदखोरी के भयावह चेहरे को उजागर किया है. सुनील के अनुसार, अशोक और एक अन्य सुनील नामक सूदखोरों ने उन्हें 17 लाख रुपये का कर्ज दिया था, जिसके एवज में वे 40 लाख रुपये से अधिक की वसूली कर चुके थे, फिर भी लगातार दबाव बना रहे थे.
यह हैरान करने वाला तथ्य है कि पिछले पांच सालों में तहसील कार्यालयों से 300 से अधिक लोगों को साहूकारी (Moneylending) लाइसेंस जारी किए गए हैं. हालांकि, इस अवधि में महज एक साहूकार का लाइसेंस निरस्त किया गया. अवैध वसूली करने वालों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही थी. यह स्थिति सूदखोरों को बेलगाम होकर अपना धंधा चलाने का मौका देती थी.
प्रशासन का शिकंजा और पहली FIR
अब पुलिस और जिला प्रशासन ने ऐसे अवैध सूदखोरों पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है. रायपुर के एएसपी डॉ. लालुमेंद सिंह ने जनता से अपील की है कि वे बिना डरे सूदखोरों की शिकायत पुलिस से करें. इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, रायपुर के रोहित तोमर और उसके परिवार पर इसी उगाही को लेकर पहली बार संगठित अपराध के तहत मामला दर्ज किया गया है. यह कार्रवाई सूदखोरी के धंधे में लिप्त अन्य लोगों के लिए एक सख्त चेतावनी है.