वाशिंगटन डीसी: अमेरिकी राजधानी की सड़कों पर कुछ ही दिनों में करोड़ों डॉलर का सैन्य साजोसामान दौड़ता हुआ नजर आएगा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लंबे समय से पाले हुए सपने को साकार करने के लिए अमेरिकी सेना एक भव्य मिलिट्री परेड की तैयारी कर रही है. लेकिन इस आयोजन को लेकर देश में एक नई बहस छिड़ गई है. क्या यह लोकतंत्र के नाम पर ताकत का अनावश्यक प्रदर्शन है? क्या यह अमेरिका में तानाशाही की एक संभावित आहट है?
परेड में 70 लाख पाउंड से ज्यादा वजनी सैन्य वाहन और हथियार शामिल होंगे. इनमें दर्जनों M1-A1 अब्राम्स टैंक, ब्रैडली और स्ट्राइकर फाइटिंग व्हीकल्स, हाउइट्जर तोपें और अन्य तोपखाने के हथियार शामिल रहेंगे. इस आयोजन में लगभग 7,000 सैनिक हिस्सा लेंगे. परेड के लिए सैन्य साजोसामान फिलहाल टेक्सस के फोर्ट कवाजोस से मैरीलैंड के जेसप रेल स्टेशन लाया जा रहा है. वहां से इसे फ्लैटबेड ट्रकों के जरिए डीसी ले जाया जाएगा.
क्यों हो रही है यह परेड?
इस बार आर्मी की 250वीं वर्षगांठ को केंद्र में रखकर परेड की योजना बनाई गई. लेकिन परेड को इसमें जोड़ने का विचार ट्रंप प्रशासन का है. इसकी योजना महज दो महीने पहले ही बनी.
आर्मी के इंजीनियरिंग चीफ कर्नल जेसी करी के मुताबिक परेड से सड़कों के भीतर मौजूद बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचने की आशंका बेहद कम है. फिर भी सेना ने एहतियात के तौर पर कई कदम उठाए हैं. जहां भारी टैंक मुड़ेंगे वहां स्टील प्लेट्स बिछाई जा रही हैं. हर वाहन के ट्रैक पर नई ट्रैक पैड्स लगाई जा रही हैं ताकि सड़क पर दबाव कम हो सके. परेड के दौरान टैंक सिर्फ वॉकिंग स्पीड से ही चलेंगे. करी के अनुसार, अब तक 13 लोकेशनों पर स्टील प्लेट्स बिछाई जा चुकी हैं. इसके अलावा वेस्ट पोटोमैक पार्क में टैंकों के खड़े होने के लिए विशेष मैटिंग बिछाई जा रही है.
क्या-क्या दिखेगा इस परेड में?
परेड रूट: लिंकन मेमोरियल से शुरू होकर कांस्टीट्यूशन एवेन्यू पर चलेगी, फिर 15वीं स्ट्रीट से होकर इंडिपेंडेंस एवेन्यू पर खत्म होगी.
डॉज स्टाफ कार और रेनॉल्ट टैंक
नॉरमैंडी में ली गई 1944 की इस फोटो में जनरल ड्वाइट डी. आइजनहावर अपनी ‘विली’ जीप में सवार नजर आ रहे हैं. (Pic : US Army Signal Corps/US National Archives and Records Administration)
वियतनाम युद्ध:
1986 की इस फोटो में M2 ब्रैडली फाइटिंग वीइकल्स नजर आ रहे हैं. (Photo : US National Archives and Records Administration)
गल्फ वॉर:
- 8 M181 बख्तरबंद वाहन
- 2 पालाडिन
- 8 M2 ब्रैडली फाइटिंग वाहन
- 6 M119 हाउइट्जर
18 स्ट्राइकर
12 M2 ब्रैडली
12 ISV यूटिलिटी वाहन
आधुनिक दौर:
- 3 पालाडिन
- 12 स्ट्राइकर
- 12 ब्रैडली फाइटिंग वाहन
- 9 M777 आर्टिलरी
- 9 जॉइंट लाइट टैक्टिकल वाहन
- 12 अब्राम्स टैंक
परेड के अंत में आर्मी के गोल्डन नाइट्स पैराशूट डेमोंस्ट्रेशन टीम अमेरिकी झंडा लेकर उड़ान भरती नजर आएगी, जो ट्रंप को व्यक्तिगत तौर पर यह झंडा सौंपेगी.
परेड को लेकर देश में बहस छिड़ गई है. विरोधियों का कहना है कि यह आयोजन तानाशाही शैली का शक्ति प्रदर्शन है. ‘लोकतंत्र में सैन्य ताकत सड़कों पर उतारने की क्या जरूरत है?’ यह सवाल लगातार उठ रहा है. वहीं ट्रंप समर्थकों का कहना है कि यह परेड सेना को सम्मान देने और देश के गौरव को दिखाने का मौका है. ट्रंप इस आयोजन को ‘अमेरिकी ताकत और देशभक्ति की मिसाल’ बता रहे हैं. लेकिन आलोचकों को इसमें रूस और नॉर्थ कोरिया जैसे तानाशाही देशों की झलक दिख रही है.