‘तपती दोपहरी हाथों के बल चलकर आए’, दिव्यांगजनों ने फर्जी प्रमाण पत्रों की जांच समेत रखीं प्रमुख मांगें

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Heart-Wrenching Protest : अपनी मांगों को लेकर दिव्यांगजनों ने आज भीषण गर्मी और तपती धूप की परवाह न करते हुए, हाथों के बल चलकर और व्हीलचेयर पर रैली निकाली. यह मार्मिक दृश्य कोरबा और कवर्धा दोनों जिलों में देखने …और पढ़ें

'तपती दोपहरी हाथों के बल चलकर आए', दिव्यांगजनों ने रखीं प्रमुख मांगें

कोरबा में दिव्‍यांगजन अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन देने पहुंचे.

कोरबा: , छत्तीसगढ़ के इस जिले में दिव्यांगजनों ने सोमवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक विशाल रैली निकाली. इस दौरान उन्होंने दस सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन डिप्टी सीएम को सौंपा, जिसमें उनकी समस्याओं के त्वरित निराकरण की अपील की गई. छत्तीसगढ़ दिव्यांग संघ के प्रदेश सचिव संतोष कुमार टोंडे ने बताया कि राज्य सरकार को संघ की ओर से 6 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है. दिव्यांगजनों का कहना है कि वे लंबे समय से अपनी मूलभूत सुविधाओं और अधिकारों से वंचित हैं, जिसके कारण उन्हें भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

इसी कड़ी में कवर्धा जिला मुख्यालय में भी दिव्यांग संघ ने 6 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया और एक रैली निकाली. उन्होंने अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा. इन मांगों में सबसे प्रमुख है फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के सहारे सरकारी नौकरी करने वालों की जांच करना, जिससे वास्तविक दिव्यांगों को उनके हक से वंचित न होना पड़े. इसके अतिरिक्त, पेंशन बढ़ाने और सरकारी नौकरियों में आरक्षण के साथ-साथ विशेष भर्ती अभियान चलाने की मांग भी जोर-शोर से उठाई गई.

कोरबा में दिव्‍यांगजन तपती दोपहरी में हाथों के बल पर ज्ञापन देने पहुंचे.

फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर अयोग्य लोग सरकारी नौकरियों में
उन्‍होंने कहा कि फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों की जांच एक गंभीर मुद्दा है जहां फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर अयोग्य लोग सरकारी नौकरियों में आ जाते हैं, जिससे वास्तविक दिव्यांगों का हक मारा जाता है. दिव्यांग संघों ने ऐसे मामलों की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.वहीं, वर्तमान में मिलने वाली पेंशन राशि बहुत कम है, जो बढ़ती महंगाई के दौर में दिव्यांगों के जीवन यापन के लिए पर्याप्त नहीं है. उनकी मांग है कि मासिक पेंशन में पर्याप्त वृद्धि की जाए ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें. छत्तीसगढ़ में यह राशि अभी भी 500 रुपए है, जबकि कई राज्यों में यह 3500 से 5000 रुपए तक मिलती है.

अविवाहित दिव्यांग महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ देने की मांग
प्रमुख मांगों में दिव्यांगजनों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षित पदों को जल्द से जल्द भरने और एक विशेष भर्ती अभियान चलाने की मांग की गई है ताकि उन्हें रोजगार के अवसर मिल सकें. बैकलॉग पदों पर भर्ती की भी मांग की गई है. 18 वर्ष से अधिक की अविवाहित दिव्यांग युवतियों और महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ देने की भी मांग की गई है, ताकि उन्हें आर्थिक संबल मिल सके. शासकीय दिव्यांग कर्मियों को पदोन्नति में 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाए. कोरोना काल से पहले दिव्यांगों द्वारा लिए गए सभी सरकारी लोन माफ किए जाएं. अन्य सुविधाएं जैसे सरकारी बसों में किराए में छूट, मुफ्त बिजली, और आवास योजनाओं में प्राथमिकता जैसी मांगें भी शामिल हैं.

प्रशासन से आश्वासन, लेकिन इंतजार
दिव्यांग संगठनों का कहना है कि उन्होंने पूर्व में भी मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, कलेक्टर और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी मांगें रखी हैं. उन्हें कई बार आश्वासन भी मिला है, लेकिन अभी तक इन मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. यही कारण है कि वे लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं और रैलियों व प्रदर्शनों के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ दिव्यांग संघ का कहना है कि सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए जल्द उन्हें पूरी करे.

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