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Kathak Dancer Ishita News: छत्तीसगढ़ की इशिता को इन दिनों खूब बधाई मिल रही है. अपनी एकल प्रस्तुति के दौरान इशिता आत्मविश्वास और ऊर्जा से भरे प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं. कथक में एक बार में 200 चक्कर लगाने की उनकी क्षमता दर्शकों को आश्चर्यचकित कर देती है. इतनी कम उम्र में इशिता ने जो उपलब्धि हासिल की है, वह सभी के लिए प्रेरणादायक है.

कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की प्रतिभाशाली बाल नृत्यांगना इशिता कश्यप ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. इशिता को स्टार पैशन अवॉर्ड और इंटरनेशनल किड्स आइकॉन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है.महज 8 साल की उम्र में ही इशिता ने कथक नृत्य में अपनी विशेष पहचान बनाई है.इशिता पिछले 8 सालों से लगातार नृत्य साधना में जुटी हुई हैं.हाल ही में उन्हें भारत सरकार द्वारा जूनियर स्कॉलरशिप 2024 के लिए भी चुना गया है. इशिता ने अब तक 45 से 50 प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी कला का प्रदर्शन किया है.

इंडिया स्टार वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा आयोजित इंडिया स्टार पैशन अवॉर्ड 2025 से इशिता को उनकी विशेष उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया. इसके अलावा, कई सामाजिक संगठनों और सांस्कृतिक मंचों ने भी उन्हें सम्मानित किया है.इशिता अपने गुरुओं के मार्गदर्शन में कथक नृत्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा दे रही हैं. लगातार अभ्यास और समर्पण से उन्होंने इस कला में दक्षता हासिल की है. उनके नृत्य में पारंपरिकता और आधुनिकता का अद्भुत संतुलन देखने को मिलता है. इशिता के नृत्य में भाव, रस, लय और ताल का ऐसा समन्वय होता है, जो कला के प्रति उनके गहरे लगाव और अनुशासन को दर्शाता है.

अपनी एकल प्रस्तुति के दौरान इशिता आत्मविश्वास और ऊर्जा से भरे प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं. कथक में एक बार में 200 चक्कर लगाने की उनकी क्षमता दर्शकों को आश्चर्यचकित कर देती है. इतनी कम उम्र में इशिता ने जो उपलब्धि हासिल की है, वह सभी के लिए प्रेरणादायक है.

इशिता ने अपने नृत्य कौशल से कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें प्रतिभा परिज्ञान पुरस्कार, प्रणवम प्रतिभा सम्मान, कला संस्कृति सम्मान, राष्ट्रीय कला विभूति सम्मान, इंटरनेशनल किड्स आइकॉन अवार्ड, और दुबई तथा मलेशिया में गोल्ड मेडल शामिल हैं.उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा आयोजित पाली महोत्सव और संस्कार भारती द्वारा आयोजित कई कार्यक्रमों में भी सम्मानित किया गया है.

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुकीं इशिता कश्यप कहती हैं कि कला के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास और समर्पण आवश्यक है.उन्होंने बचपन से ही कला को अपनाया है और इसे अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बना लिया है. इशिता बड़ी होकर एक प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना बनना चाहती हैं और भारतीय संस्कृति को देश-विदेश तक पहुंचाना चाहती हैं.