‘अमिताभ बहुत रूड हैं…’, ‘भाभी जी घर पर हैं’ के सक्सेना ने खोली पोल, 2 बार साथ करने पर भी किया ऐसा बर्ताब


नई दिल्ली. हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन का करियर 5 दशक से भी ज्यादा लंबा है. इस दौरान उन्होंने कई पीढ़ियों के कलाकारों और तकनीशियनों के साथ काम किया है. टीवी का सबसे पसंदीदा शो ‘भाभी जी घर पर हैं’ में ‘अनोखेलाल सक्सेना’ का किरदार निभाकर घर-घर में पहचान बनाने वाले एक्टर सानंद वर्मा ने बिग बी के साथ काम करने के अपने एक्सपीरियंस शेयर किया. उन्होंने बताया कि पहली मुलाकात में अमिताभ ने उनके साथ बेहद प्यार से पेश आए, लेकिन दूसरी बार उनका व्यवहार बिल्कुल उलट था.

हिंदी रश से बात करते हुए, सानंद वर्मा ने बताया कि पहली बार मिलने पर बिग बी बहुत गर्मजोशी और स्नेह से मिले थे. उन्होंने कहा, ‘मैंने कई सितारों से बात की है, लेकिन उनके बारे में ज्यादा नहीं सोचा. लेकिन जब मैं ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के प्रोमो की शूटिंग कर रहा था, तब मैंने अमिताभ बच्चन का ओरा महसूस किया.

पहली मुलाकात में लगा जैसे ‘मैं अभिषेक बच्चन हूं’

‘भाभी जी घर पर हैं’ के ‘अनोखेलाल सक्सेना’ ने कहा, ‘पहली बार जब मैं उनसे मिला… ऐसा लगा जैसे मैं अभिषेक बच्चन हूं. मुझे लगा जैसे मैं उनका बेटा हूं. हमने तीन घंटे तक बात की.’ दूसरी बार जब वे साथ काम कर रहे थे, तो बिग बी काफी रूड थे और उन्होंने दूसरी मुलाकात में उन्हें ठीक से पहचाना भी नहीं.

बिग बी ने जब कहा -‘भगवान करे तीसरा मौका भी मिले’

सानंद वर्मा ने बताया , ‘दूसरी बार जब मैं उनसे एक ऐड की शूटिंग के लिए मिला तो वे बहुत रूड थे’. शूटिंग खत्म करने के बाद, मैंने उनसे कहा, ‘मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे आपके साथ दो बार काम करने का मौका मिला.’ लेकिन उन्होंने मेरी तरफ देखा भी नहीं, वे एक पेंटिंग को घूरते रहे और बोले, ‘भगवान करे आपको तीसरी बार भी मौका मिले.’

‘मैं अमित जी का सम्मान करता हूं, लेकिन…’

अमिताभ बच्चन के इतने ठंड़े रुख के बाद भी सानंद ने स्वीकार किया कि वे अभी भी एक्टर का बहुत सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा, ‘पहली बार उन्होंने मुझे इतना प्यार दिया और दूसरी बार पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया, यह कंट्रास्ट नोटिस करने वाला था. मैं अमित जी से बहुत प्यार और सम्मान करता हूं. मेरे हिसाब से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में उन जैसा कोई दूसरा एक्टर नहीं है. लेकिन हां, फिल्म इंडस्ट्री में कोई किसी का दोस्त नहीं होता.’

‘फिल्म इंडस्ट्री में सिर्फ कॉलीग्स होते हैं’

हाल ही में ‘द लल्लनटॉप’ के साथ एक बातचीत में, दिग्गज एक्टर परेश रावल ने भी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में रिश्तों पर अपने विचार शेयर किए थे. उन्होंने कहा, ‘फिल्म इंडस्ट्री में कॉलीग्स होते हैं, थिएटर में दोस्त होते हैं और स्कूल में जिगर-जान दोस्त होते हैं. मेरे असली दोस्त, जिन्हें मैं सम्मान से याद कर सकता हूं, वे हैं ओम पुरी साहब, नसीरुद्दीन शाह और जॉनी लीवर. बाकी सब सहयोगी ही हैं.’



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