सोल. कोरिया एयरोस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (केएएसए) के प्रमुख ने कहा है कि दक्षिण कोरिया ने अमेरिका के साथ मिलकर भविष्य में मंगल ग्रह पर जाने वाले मिशनों में भाग लेने की संभावना पर काम शुरू कर दिया है. इसके लिए एक खास टीम (टास्क फोर्स) बनाई गई है, जो इस दिशा में योजना बनाएगी और जरूरी तैयारियां करेगी.
केएएसए के प्रमुख यून यंग-बिन ने कहा, “अमेरिका अब अपने अंतरिक्ष बजट का ध्यान तेजी से मंगल ग्रह की ओर कर रहा है. वहां इंसानों को भेजने और उनकी मौजूदगी स्थापित करने की ठोस योजनाएं बन रही हैं. कोरिया में हमने हाल ही में सोचना शुरू किया है कि हमें इस समय क्या कदम उठाने चाहिए.”
प्रशासक ने उल्लेख किया कि ऐसे योजनाएं “रचनात्मक और नवाचारी तकनीकों के विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं, जिन्हें अब तक उन्नत देश भी हासिल नहीं कर पाए हैं.” उन्होंने बताया कि यह टास्क फोर्स मंगल अन्वेषण को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से गठित की गई है.
उनके विजन में यह भी शामिल था कि एक सौर निगरानी स्टेशन को एल4 नाम की खास अंतरिक्ष जगह पर स्थापित किया जाए, जो अभी तक पूरी तरह खोजा नहीं गया है. इसके अलावा, उन्होंने चंद्रमा पर अपना खुद का लैंडर बनाने और नई पीढ़ी की हवाई तकनीकों में आगे रहने की बात भी कही.
यून ने कहा, “अब जब हस्तांतरण शुल्क और तकनीकी विवरण तय हो गए हैं, तो हम हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू करेंगे. तीन प्रक्षेपणों के बाद, हनव्हा एयरोस्पेस से उम्मीद है कि वह सभी जरूरी तकनीक और संचालन की क्षमता पूरी तरह से हासिल कर लेगा.”