Changed fate by making umbrellas, Didis became an example of self-reliance through ‘Bihan Yojana’

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CG Bihan Yojna : बिलासपुर जिले के भैंसबोड़ क्लस्टर की महिलाएं छत्तीसगढ़ सरकार की बिहान योजना के तहत छाता निर्माण जैसे कार्यों से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही हैं. यह योजना उन्हें प्रशिक्षण, कच्चा माल, तकनीकी सहयोग …और पढ़ें

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छाता बनाकर बदली किस्मत, ‘बिहान योजना’ से दीदियां बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल

हाइलाइट्स

  • महिलाओं को बिहान योजना से आत्मनिर्भरता मिली
  • छाता निर्माण से महिलाएं कमा रही हैं 8-9 हजार रुपये प्रति माह
  • प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग से बढ़ी उत्पाद की गुणवत्ता

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में महिलाओं की ज़िंदगी में बदलाव की बयार बह रही है. पारंपरिक सीमाओं को तोड़ते हुए अब वे आर्थिक आत्मनिर्भरता की राह पर तेजी से आगे बढ़ रही हैं. यह बदलाव संभव हुआ है राज्य सरकार की बिहान योजना के माध्यम से, जिसने ग्रामीण महिलाओं को न सिर्फ स्वरोजगार से जोड़ा, बल्कि उन्हें सामाजिक सम्मान, पहचान और स्थायी आमदनी भी दी. खासकर बिल्हा ब्लॉक के भैंसबोड़ क्लस्टर की महिलाएं छाता निर्माण के कार्य से नई कामयाबी की कहानी लिख रही हैं.

छाता निर्माण बना आजीविका का मजबूत आधार

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ‘बिहान योजना’ से जुड़े बिल्हा विकासखंड के भैंसबोड़ क्लस्टर की 34 ग्राम पंचायतों की 800 से अधिक महिलाएं अब छाता निर्माण से जुड़ गई हैं. भैंसबोड़ क्लस्टर से जुड़ी सरिता कौशिक ने बताया कि इस कार्य के माध्यम से महिलाएं प्रति माह 8 से 9 हजार रुपये तक की आय अर्जित कर रही हैं, जिससे वे अपने परिवार की जरूरतें पूरी करने के साथ-साथ बचत भी कर पा रही हैं.

मुख्यमंत्री से मुलाकात में दीदियों ने जताया आभार

आमागोहान में आयोजित शिविर के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से दीदियों की मुलाकात हुई, जहां उन्होंने अपनी बनाई हुई विशेष छतरी मुख्यमंत्री को भेंट की. मुख्यमंत्री ने भी इन महिलाओं के कार्यों की सराहना करते हुए उनके प्रयासों की सराहना की.

प्रशिक्षण से विपणन तक मिल रहा हर स्तर पर सहयोग

बिहान योजना के तहत दीदियों को छाता निर्माण के लिए प्रशिक्षण, कच्चे माल की व्यवस्था, तकनीकी मार्गदर्शन और बाजार तक पहुँच जैसी सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. इससे न केवल उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ी है, बल्कि बाजार में इनकी माँग में भी इजाफा हुआ है.

प्रशासनिक सहयोग से बढ़ेगा बाजार और आमदनी

कलेक्टर संजय अग्रवाल और जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल ने भी इन स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं से मिलकर उन्हें प्रोत्साहित किया. सीईओ ने आश्वासन दिया कि भविष्य में समूहों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे उनकी आय और भी बढ़ सके.

बिहान योजना बनी ग्रामीण विकास की रीढ़

बिहान योजना के अंतर्गत ग्रामीण महिलाओं को केवल छाता निर्माण ही नहीं, बल्कि सिलाई-कढ़ाई, मशरूम उत्पादन, अगरबत्ती निर्माण और बाड़ी विकास जैसी अन्य गतिविधियों में भी जोड़ा जा रहा है. इन गतिविधियों ने हजारों महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से मज़बूत किया है, बल्कि उन्हें “लखपति दीदी” के लक्ष्य तक पहुँचने की दिशा में अग्रसर किया है.

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