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Shivaji Maharaj News: अदम्य साहस, शौर्य और वीरता की अद्वितीय मिसाल कहे जाने वाले मराठा साम्राज्य के गौरव छत्रपति शिवाजी महाराज के किस्से तो आपने बहुत सुने होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज …और पढ़ें

अंबिकापुर आए थे शिवाजी महाराज.
हाइलाइट्स
- छत्रपति शिवाजी महाराज आए थे छत्तीसगढ़
- शिवाजी महाराज ने किए थे मां महामाया के दर्शन
- सरगुजा के राजा से की थी मुलाकात
श्रवण कुमार महंत
मराठा सेना घात लगाकर हमला करती थी. जंगलों में छिपने में माहिर थे. यही वजह है कि औरंगजेब मराठी सेना को पहाड़ी चूहा भी कहते थे. जानकार बताते है कि औरंगजेब के कैद से बड़ी ही चालाकी से फलों की टोकरी में बैठकर भाग निकले.
शिवाजी महाराज गुप्त वास करते हुए बनारस के रास्ते अंबिकापुर पहुंचे. अंबिकापुर में अपनी सेना के साथ विश्राम किया. सरगुजा के तत्कालीन राजा से मुलाकात की अंबिकापुर छोड़ने से पहले मां महामाया के दर्शन किए और रतनपुर के रास्ते ओडिशा के पुरी की ओर रवाना हो गए. शिवाजी महाराज के साथ करीब 50 की संख्या में मराठी दस्ता घुड़सवार हमेशा रहती थी. अंबिकापुर के तत्कालीन राजा ने अंबिकापुर में आने वाले तीर्थ यात्रियों के पूरी व्यवस्था की जाती थी. शिवाजी महाराज के अंबिकापुर पहुंचने पर उनको भी सर्व सुविधा दी गई. रुकने के दरमियान मां महामाया मंदिर गए. मां महामाया के दर्शन किए और अंबिकापुर के राजा ने शिवाजी को सरहद सीमा तक छोड़ा था.
मुगल विदेशी शासक थे, जो भारत की संस्कृति को आघात पंहुचा रहे थे. यही वजह है कि मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी ने स्वराज्य और हिन्दू स्वरास्ट्र के लिए मुगलों से लड़ाई लड़े, जिनकी सोच आमजानों के हितों के लिए थी. अपने वीर पराकर्म से बाहरी आक्रमणकारियों से देश को लूटने से बचाते रहे, जिसकी वजह है कि आज भी छत्रपति शिवाजी महाराज भारत वासियों के दिलों में राज करते है.
Preeti George is lead content writer at hindi.news18.com having experience of more than 5 years in digital media. After completing her masters from Kushabhau Thakre Journalism university, she worked in various …और पढ़ें
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