Delhi News: दिल्ली के शहबाद डेयरी इलाके की तंग गलियों में, जहां हर कोने पर जिंदगी की भागदौड़ सुनाई देती है, एक 11 साल के मासूम की कहानी ने सबके होश उड़ा दिए. 7 मई 2025 की सुबह एक मां का दिल उस वक्त थम गया जब उसे पता चला कि उसका लाडला बेटा कहीं गायब हो गया है.
चूंकि पीड़ित नाबालिग था, इसलिए दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की नोडल एजेंसी एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई. इंस्पेक्टर मनोज दहिया के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई, जिसमें एएसआई गोपाल कृष्ण, महिला हेड कॉन्स्टेबल सीमा और कांस्टेबल धरमराज भी शामिल थे.
वहीं, मां और दूसरा बेटा दिल्ली में अकेले रहते थे. बच्चे की आदत थी कि वह बिना बताए घर से चला जाता और कई दिनों तक लौटता नहीं. लेकिन इस बार, मां का दिल बेचैन था. जांच के दौरान क्राइम ब्रांच की टीम ने पाया कि बच्चा 7 मई को घर से निकला और सीधे उत्तर प्रदेश के बाश बरेली पहुंच गया.
एक बच्चा जो अपनी मां के साथ दिल्ली की भागदौड़ में जी रहा था, लेकिन जिसका दिल अपने पिता और भाई की याद में बेचैन था. उसकी मां जो फैक्ट्री में काम करके अपने बेटे का पेट भरती थी, लेकिन उसकी भावनाओं को समझने में कहीं चूक गई. और एक पुलिस टीम, जिसने अपनी मेहनत और लगन से एक मां को उसका बेटा लौटा दिया.