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Agriculture News: छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन की शुरुआत के साथ ही किसान परंपरागत रोपा पद्धति छोड़कर सीधी बुआई की तकनीक अपनाने लगे हैं. इससे न केवल पानी की 25% बचत होगी, बल्कि लागत में भी कमी आएगी.

सीधी बुआई के फायदे
हाइलाइट्स
- छत्तीसगढ़ में किसान सीधी बुआई तकनीक अपनाने लगे.
- इससे पानी की 25% बचत और लागत में कमी होगी.
- फसल 7 से 10 दिन पहले तैयार होगी.
रायपुर. छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन की तैयारियां शुरू होने ही वाली हैं. धान की बुआई को लेकर किसान अब परंपरागत रोपा पद्धति से हटकर उन्नत तकनीकों को अपनाने की ओर बढ़ रहे हैं. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के एग्रोनॉमी विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. एस.के. द्विवेदी ने लोकल18 से विशेष बातचीत में बताया कि सीधी बुआई की उन्नत विधि अपनाने से न केवल किसानों की लागत में कमी आएगी, बल्कि जल संरक्षण के साथ-साथ उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी.
सीधी बुआई के इस तरीके से बीज गहराई में गिरते हैं और अंकुरण बेहतर होता है. जब पौधे की शुरुआती वृद्धि अच्छी होती है, तो पूरी फसल पर उसका असर दिखाई देता है. यह तकनीक न केवल बेहतर उत्पादन सुनिश्चित करती है, बल्कि फसल 7 से 10 दिन पहले पककर तैयार हो जाती है. इसका लाभ यह होता है कि किसान समय पर रबी फसल की भी बुआई कर सकते हैं.
छत्तीसगढ़ सरकार और कृषि वैज्ञानिकों की कोशिश है कि अधिक से अधिक किसान इस विधि से जुड़ें और कृषि लागत घटाते हुए अधिक उत्पादन करें. यह तकनीक केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि देश के अन्य धान उत्पादक राज्यों में भी अपनाई जाए तो किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम साबित हो सकता है. खरीफ सीजन की तैयारी के इस दौर में जब जल संकट और बढ़ती लागत जैसी समस्याएं सामने हैं, ऐसे में उन्नत बुआई विधि न केवल किसानों को राहत दे सकती है, बल्कि कृषि को अधिक वैज्ञानिक और लाभकारी बना सकती है.
Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें
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