छत्तीसगढ़ में बीते कुछ दिनों की बारिश के बाद अब मौसम का मिजाज बदलता दिख रहा है. अगले चार दिनों तक राज्य में बारिश की संभावना काफी कम है, जिससे तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है. हालांकि, मौसम विभाग ने कुछ इलाकों में गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना भी जताई है. इस बदलाव के बीच लोगों को गर्मी और उमस का सामना करना पड़ सकता है.
राज्य में पिछले दो-तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश अब थमने वाली है. मौसम विभाग के अनुसार, 30 मई से आगामी चार दिनों तक प्रदेश में वर्षा की संभावना काफी कम है. इस दौरान तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी देखी जा सकती है, जिससे दिन में गर्मी का अहसास और बढ़ेगा.
रायपुर में सबसे गर्म दिन, पेंड्रा में सबसे ठंडा
शुक्रवार को रायपुर में अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो राज्य का सर्वाधिक तापमान रहा. वहीं, पेंड्रा रोड में न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सबसे कम रहा. बस्तर से लेकर सरगुजा तक दिन का पारा 32 से 36 डिग्री के बीच रहा.
कल के लिए बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी
हालांकि चार दिनों तक व्यापक बारिश की संभावना नहीं है, लेकिन मौसम विभाग ने शनिवार (31 मई) को राज्य के कुछ स्थानों पर मेघ गर्जन के साथ तेज हवाएं (40-50 किमी प्रति घंटा) और भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है. इसके अलावा, दो दिनों के बाद भी कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.
रायपुर के लिए विशेष पूर्वानुमान
राजधानी रायपुर में 31 मई को आकाश आंशिक रूप से मेघमय रहेगा. गरज-चमक के साथ एक-दो बार बौछारें पड़ सकती हैं. अधिकतम तापमान 38°C और न्यूनतम तापमान 25°C के आसपास रहने की संभावना है.
वर्षा के आंकड़े: कई क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश
पिछले 24 घंटों में प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई. उसूर में 4 सेमी, अहिवारा, कुरुद, छाल, लोहांडीगुड़ा, देवभोग, घरघोड़ा, बारसूर में 3 सेमी वर्षा हुई. वहीं, मगरलोड, सुकमा, कुकदुर, सकरी, बोराई, सारंगढ़ सहित अन्य स्थानों पर 1 से 2 सेमी वर्षा रिकॉर्ड की गई.
सिनोप्टिक सिस्टम की स्थिति
मॉनसून की उत्तरी सीमा फिलहाल महाराष्ट्र से लेकर ओडिशा होते हुए पश्चिम बंगाल तक विस्तारित है. साथ ही, बांग्लादेश पर बना दबाव अब उत्तरी बांग्लादेश और मेघालय की ओर बढ़ गया है, जो अगले 12 घंटों में कमजोर होकर सुस्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र में बदलने की संभावना है.