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Imane Khelif banned until sex tested पेरिस ओलंपिक 2024 में अल्जीरिया की बॉक्सर इमान खलीफ के जेंडर विवाद के बाद वर्ल्ड बॉक्सिंग ने जेंडर टेस्ट अनिवार्य कर दिया है. इमान को टेस्ट क्लीयर करने तक बैन किया गया है.

मुक्केबाजी संघ ने जेंडर टेस्ट को अनिवार्य कर दिया है.
नई दिल्ली. पेरिस ओलंपिक 2024 को अल्जीरिया की बॉक्सर इमान खलीफ की वजह से हमेशा ही याद रखा जाएगा. उन्होंने महिला कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता था जबकि वो पुरुष वाली ताकत रखते थे. ऐसा साथ में लड़ने वाली मुक्केबाज ने दावा किया था. दरअसल इमान के जेंडर को लेकर विवाद हुआ था क्योंकि वो पुरुष हुआ करते थे और अपना जेंडर चेंज करवाया था. अब मुक्केबाजी संघ ने इस मामले में बड़ा फैसला लेते हुए जेंडर टेस्ट को अनिवार्य कर दिया है. इस फैसले की वजह से अब इमान पर बैन लग जाएगा जब तक वो टेस्ट को क्लीयर नहीं करते.
वर्ल्ड बॉक्सिंग ने घोषणा की है कि वह अपने प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले पुरुष और महिला एथलीट भाग लेने के योग्य है या नहीं इसको तय करने के लिए जेंडर टेस्ट शुरू करेगा. अंतरराष्ट्रीय महासंघ ने यह नीति तब लागू करने का फैसला लिया है जब पिछले साल पेरिस ओलंपिक में अल्जीरिया की महिला वेल्टरवेट स्वर्ण पदक विजेता इमाने खलीफ को लेकर विवाद हुआ था.
मुक्केबाजी संघ ने जेंडर टेस्ट को अनिवार्य कर दिया है.
वर्ल्ड बॉक्सिंग 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में मुक्केबाजी प्रतियोगिता का आयोजन करेगा. जिसे अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा अस्थायी मान्यता दी गई है. वर्ल्ड बॉक्सिंग ने कहा कि उसने अल्जीरियाई बॉक्सिंग महासंघ को सूचित किया है कि अगर इमाने खलीफ नीदरलैंड्स में 5-10 जून को होने वाले आइंडहोवन बॉक्स कप में भाग लेना चाहती हैं तो उन्हें जेंडर टेस्ट से गुजरना होगा.
वर्ल्ड बॉक्सिंग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में लिखा, “इस नीति को लागू करने की योजना और पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले कुछ मुक्केबाजों की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, वर्ल्ड बॉक्सिंग ने अल्जीरियाई बॉक्सिंग महासंघ को सूचित किया है कि इमाने खलीफ को आइंडहोवन बॉक्स कप या किसी भी वर्ल्ड बॉक्सिंग इवेंट में महिला कैटेगरी में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी जब तक कि वह जेंडर टेस्ट से नहीं गुजरतीं.”
नई नीति के तहत सभी 18 साल से अधिक उम्र के एथलीट जो वर्ल्ड बॉक्सिंग द्वारा आयोजित या स्वीकृत प्रतियोगिता में भाग लेना चाहते हैं, उन्हें पीसीआर या पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन जेनेटिक टेस्ट से गुजरना होगा. जिससे यह तय किया जाएगा कि उनका जन्म किस जेंडर के साथ हुआ था और उनकी इवेंट में भाग लेने की योग्यता है या नहीं. पीसीआर टेस्ट एक प्रयोगशाला तकनीक है जिसका उपयोग विशिष्ट जेनेटिक सामग्री का पता लगाने के लिए किया जाता है. इस मामले में एसआरवाई जीन जो वाई क्रोमोसोम की उपस्थिति को दिखाता है जो वायोलॉजिकल सेक्स (जेंडर) को दर्शाता है.
यह परीक्षण नाक या मुंह के स्वाब, या लार या रक्त के नमूने से किया जा सकता है. राष्ट्रीय महासंघ परीक्षण के लिए जिम्मेदार होंगे और उन्हें वर्ल्ड बॉक्सिंग प्रतियोगिताओं में अपने एथलीटों को प्रवेश देते समय उनके क्रोमोसोमल लिंग का सर्टिफिकेट दिखाना होगा उनके जेंडर की पुष्टि करनी होगी जैसा कि पीसीआर टेस्ट द्वारा तय किया गया है.
15 साल से ज्यादा वक्त से खेल पत्रकारिता से सक्रिय. Etv भारत, ZEE न्यूज की क्रिकेट वेबसाइट में काम किया. दैनिक जागरण वेबसाइट में स्पोर्ट्स हेड रहा. ओलंपिक, कॉमनवेल्थ, क्रिकेट और फुटबॉल वर्ल्ड कप कवर किया. अक्टूब…और पढ़ें
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