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भारत के लिए हर्डल रेस में हिस्सा लेने वाली ज्योति याराजी गुरुवार को एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लगातार दूसरा गोल्ड मेडल जीता.

ज्योति याराजी ने जीता गोल्ड.
नई दिल्ली. भारत के लिए हर्डल रेस में हिस्सा लेने वाली ज्योति याराजी ने स्वीकार किया कि वह 100 मीटर बाधा दौड़ में अपना खिताब बचाने के लिए तनाव में थीं, लेकिन मेडल के बजाय समय पर ध्यान देने से उन्हें शांत रहने में मदद मिली और उन्होंने गुरुवार को एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लगातार दूसरा गोल्ड मेडल जीता.
आंध्र प्रदेश की 25 वर्षीय खिलाड़ी विजेता ज्योति ने 12.96 सेकंड में रेस पूरी की. जो प्रतियोगिता का नया रिकॉर्ड है. 27 साल बाद ज्योति ने इतिहास रच दिया है. पिछला रिकॉर्ड 13.04 सेकंड का था, जिसे 1998 में कजाकिस्तान की ओल्गा शिशिगिना और 2011 में चीन की सन यावेई ने बनाया था.
एशियाई खेलों की सिल्वर मेडल विजेता ज्योति एशियाई चैंपियनशिप की 100 मीटर बाधा दौड़ में गोल्ड मेडल का बचाव करने वाली पांच एथलीटों के चुनिंदा क्लब में शामिल हो गईं. उनसे पहले यह उपलब्धि जापान की एमी अकीमोटो (1979, 1981, 1983) तथा चीन की तीन खिलाड़ियों झांग यू (1991, 1993), सु यिनपिंग (2003, 2005) और सुन यावेई (2009, 2011) ने हासिल की थी.
ज्योति ने बाद में कहा, ‘‘निश्चित तौर पर मेरा लक्ष्य गोल्ड मेडल जीतना था, लेकिन मैंने टाइमिंग पर ध्यान केंद्रित किया क्योंकि जब आप मेडल पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं, तो आप दबाव महसूस करते हैं. इसलिए मैंने समय के बारे में सोचते हुए इसे सकारात्मक पक्ष में बदल दिया और यह वास्तव में काम आया.’’ ज्योति ने 2023 में एशियाई चैंपियनशिप में 13.09 सेकंड के प्रयास के साथ गोल्ड मेडल जीता. उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय 12.78 सेकंड है जो राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी है.
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