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Ankita Bhandari Murder Case: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया है. 19 वर्षीय अंकिता की हत्या सितंबर 2022 में चीला नहर में धक्का देकर की गई थी. वीआईपी को ए…और पढ़ें

जेल में कटेगी अंकिता भंडारी के कातिलों की जिंदगी
हाइलाइट्स
- जेल में कटेगी अंकिता भंडारी के कातिलों की जिंदगी
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने साफ की तस्वीर
- 28 अगस्त को अंकिता को आखिरी बार देखा
18 सितंबर 2022… एक ऐसा दिन, जिसने उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. एक 19 साल की लड़की, जो अपने सपनों को पंख देने के लिए घर से निकली थी, वह वापस लौटी तो एक लाश बनकर. यह कहानी है अंकिता भंडारी की, एक मासूम, साहसी और होनहार लड़की की, जिसकी जिंदगी सिर्फ इसलिए खत्म कर दी गई क्योंकि उसने गलत के आगे सिर झुकाने से इनकार कर दिया.
अंकिता भंडारी उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के डोभ श्रीकोट गांव की रहने वाली थी. अपने परिवार की इकलौती बेटी और पिता उसे प्यार से ‘साक्षी’ बुलाया करते थे. मां-पिता ने उसे बेटों से भी बढ़कर चाहा और उसका हर सपना पूरा करने की कोशिश की. अंकिता पढ़ाई में बहुत होशियार थी और 12वीं क्लास में उसने 89% अंक हासिल किए थे. उसका सपना था होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर एक कामयाब प्रोफेशनल बनने का. लेकिन पढ़ाई का खर्च उठाना उसके लिए मुश्किल था, इसलिए अंकिता ने रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करनी शुरू की. ऋषिकेश के वनंत्रा रिसॉर्ट में जॉइनिंग के कुछ ही दिन हुए थे. 28 अगस्त को पिता ने खुद बेटी को छोड़ा था. लेकिन उन्हें क्या पता था कि ये उनकी बेटी की आखिरी मुस्कान होगी.
‘स्पेशल सर्विस’ देने से किया मना तो…
वनंत्रा रिसोर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके साथी मेहमानों को ‘स्पेशल सर्विस’ देने के नाम पर अंकिता पर गंदे काम का दबाव बना रहे थे. लेकिन अंकिता, जिसने खुद को मेहनत से साबित करने का सपना देखा था, उसने ‘ना’ कहने की हिम्मत दिखाई और शायद उसकी यही हिम्मत उसे भारी पड़ गई. जब अंकिता ने विरोध किया, तो उसे जान से मारने की साजिश रच दी गई. पुलकित आर्य का परिवार बड़ी जान-पहचान वाला था. उसके पिता विनोद आर्य को राज्यमंत्री का दर्जा मिला था और वह भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय नेता रहे थे. लेकिन मामला सामने आते ही पार्टी ने उन्हें बाहर निकाल दिया गया. जांच के दौरान पुलकित के कॉलेज लाइफ से भी कई काले राज सामने आए. हिमालयन आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के एक पूर्व प्रिंसिपल ने बताया कि पुलकित के खिलाफ हमेशा छात्रों के साथ झगड़े की शिकायतें मिलती थीं. उसने 2009 में UPMT परीक्षा टॉप की थी, लेकिन कॉलेज में उसकी उपस्थिति नाम मात्र की थी. वह कॉलेज में ज्यादा समय नहीं देता, लेकिन खुद को बड़े घर वाला बताता.
धकेल दिया नहर में
18 सितंबर की शाम को तीन आरोपी अंकिता को बहाने से ऋषिकेश ले गए. रात के समय, लौटते वक्त चीला नहर के पास गाड़ी रोकी गई. वहां तीनों आरोपियों ने शराब पी और फिर अंकिता के साथ बहस करने लगे. उसने रिसॉर्ट में चल रहे गोरखधंधे का विरोध किया, जिससे गुस्से में आकर पुलकित ने अपने दोनों साथियों के साथ मिलकर अंकिता को नहर में धकेल दिया.
चार दिन बाद मिली लाश
चार दिन बाद, नहर से अंकिता की लाश निकली. पुलकित और उसके साथी गिरफ्तार हुए. धाराएं लगीं – हत्या (IPC 302), सबूत मिटाना (IPC 201), यौन उत्पीड़न (IPC 354A) और अनैतिक व्यापार रोकथाम अधिनियम. बाद में गैंगस्टर एक्ट भी लगाया गया. इस मामले में 500 पेज की चार्जशीट दाखिल की गई, 97 गवाह पेश किए गए. तब जाकर घटना के दो साल बाद आज इस पर फैसला आया है. इस मामले में तीनों हत्यारोपियों पर दोष सिद्ध किये गए. अब करीब 32 महीनों की लंबी कोर्ट सुनवाई के बाद कोटद्वार की अदालत ने पुलकित, सौरभ और अंकित को उम्रकैद की सजा सुनाई. साथ ही 50-50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया.