उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीर चिंता का विषय होना चाहिए और सरकार को आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए। कांग्रेस नेता के अनुसार, वायुसेना को सालाना 35-40 लड़ाकू विमानों की जरूरत होती है और एचएएल को हर साल 24 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति करने का अनुबंध है और वह इसे भी देने में विफल रही है।
रेड्डी ने कहा, “बीजेपी की ‘आत्मनिर्भर भारत’ की घोषणा के बावजूद, आज की तारीख में हमें याद रखना चाहिए कि स्वदेशीकरण ने अब तक गुणवत्ता और मात्रा दोनों में रक्षा बलों की जरूरतों को पूरा नहीं किया है। विशेषकर वायु सेना में प्रतिभा की कमी गंभीर चिंता का विषय है। देश में सबसे अच्छे दिमाग वाले लोग वायुसेना में नहीं आ रहे हैं और यह एक मुद्दा है।”