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US Donald Trump News: अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कानूनी राहत दी है, जिससे वेनेजुएला, क्यूबा, हैती और निकारागुआ के 5,32,000 प्रवासियों की अस्थायी कानूनी स्थिति खत्म करने का रास्ता सा…और पढ़ें

डोनाल्ड ट्रंप.
हाइलाइट्स
- सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप को कानूनी राहत दी
- 5,32,000 प्रवासियों की अस्थायी स्थिति खत्म होगी
- जज इंदिरा तलवानी का फैसला पलटा गया
वाशिंगटन: अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बड़ा कानूनी राहत दी है. अदालत ने बोस्टन की जिला जज इंदिरा तलवानी के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें उन्होंने ट्रंप प्रशासन को वेनेजुएला, क्यूबा, हैती और निकारागुआ के करीब 5,32,000 प्रवासियों की अस्थायी कानूनी स्थिति (पैरोल प्रोग्राम) खत्म करने से रोका था. यह पैरोल प्रोग्राम पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन ने 2022 में शुरू किया था, जिसके तहत इन देशों के प्रवासियों को अमेरिका में दो साल तक रहने की अनुमति थी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से ट्रंप की बड़े पैमाने पर निर्वासन की नीति को और बल मिला है. आइए जानें जज इंदिरा तलवानी कौन हैं और उनका भारत से क्या कनेक्शन है?
जज इंदिरा तलवानी कौन हैं?
इस पूरे मामले में भारतीय-अमेरिकी जज इंदिरा तलवानी का नाम सुर्खियों में है. 14 अप्रैल को जज इंदिरा ने ट्रंप प्रशासन के उस आदेश को रोक दिया था, जिसमें इन प्रवासियों की कानूनी स्थिति को तुरंत खत्म करने की बात कही गई थी. उन्होंने अपने आदेश में कहा था कि ट्रंप प्रशासन ने आप्रवासन कानून की गलत व्याख्या की. उनके मुताबिक, यह पैरोल प्रोग्राम उन लोगों के लिए था, जो कानूनी रूप से अमेरिका में थे और जिन्हें बैकग्राउंड चेक, प्रायोजक समर्थन और यात्रा खर्च के बाद अनुमति दी गई थी. इंदिरा ने तर्क दिया कि ऐसे लोगों को अवैध प्रवासियों की तरह त्वरित निर्वासन का सामना नहीं करना चाहिए.
इंदिरा तलवानी का जन्म भारतीय और जर्मन प्रवासी माता-पिता के घर हुआ. उनके पिता, माणिक तलवानी, एक विश्व-प्रसिद्ध भू-भौतिकीविद् थे, जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनका परिवार पंजाब के जालंधर के पास तलवां गांव से ताल्लुक रखता है, जो उनकी भारतीय जड़ों को दिखाता है. इंदिरा ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और बाद में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले के बोआल्ट हॉल स्कूल ऑफ लॉ से ज्यूरिस डॉक्टर की डिग्री हासिल की. लॉ स्कूल में उन्हें ऑर्डर ऑफ द कोइफ में चुना गया और उन्होंने इंडस्ट्रियल रिलेशंस लॉ जर्नल में आर्टिकल्स एडिटर के रूप में काम किया.
कानूनी करियर और भारत से गहरा नाता
इंदिरा ने अपने करियर की शुरुआत कैलिफोर्निया में जज स्टैनली वीगल के लिए लॉ क्लर्क के रूप में की. इसके बाद, वह सैन फ्रांसिस्को की एक लॉ फर्म में शामिल हुईं, जहां उन्होंने मजदूर और रोजगार से जुड़े मुकदमों में वकालत की. 1999 में वह बोस्टन की सेगल रॉइटमैन एलएलपी में पार्टनर बनीं, जहां उन्होंने श्रमिकों के अधिकारों, सामूहिक मुकदमों और यूनियन वार्ताओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वह अमेरिकी बार एसोसिएशन की फैमिली एंड मेडिकल लीव एक्ट पर एक किताब की सीनियर एडिटर भी रही हैं. तलवां गांव न केवल उनकी पारिवारिक विरासत का हिस्सा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे भारतीय मूल के लोग अमेरिका में कानून, विज्ञान और सामाजिक न्याय जैसे क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ रहे हैं.

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने…और पढ़ें
योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने… और पढ़ें