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America New Visa Policy: अमेरिका ने नई वीजा नीति का ऐलान किया है, जिसके तहत अमेरिकी आलोचना करने वाले विदेशी अधिकारियों को एंट्री नहीं मिलेगी. विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने यह घोषणा की. डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका फर…और पढ़ें

अमेरिका नई नीति बनाने जा रहा है. (File Photo)
हाइलाइट्स
- अमेरिका ने नई वीजा नीति का ऐलान किया.
- अमेरिका की आलोचना करने वालों को एंट्री नहीं मिलेगी.
- विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने यह घोषणा की.
America New Visa Policy: अमेरिका की पुरानी आदत है कि वो दूसरों के मामलों में टांग अड़ाने का मौका नहीं छोड़ता. भारत-पाकिस्तान युद्ध के बीच ट्रंप की हेकड़ी को निकालने में भारत ने ज्यादा वक्त नहीं लिया. केवल भारत ही नहीं, दुनिया भर के मुल्कों में धार्मिक स्वतंत्रता व अन्य मुद्दों पर अमेरिका की संस्थाएं पाठ पढ़ाती रहती है. अमेरिका को उसी के अंदाज पर इसपर जवाब दिया जाता है. डोनाल्ड ट्रंप लगातार दुनिया भर के देशों और उनके नेताओं द्वारा अमेरिका की आलोचना किए जाने से तंग आ चुके हैं. यही वजह है कि अब उन्होंने ऐसे नेताओं और अधिकारियों के लिए एक नई वीजा पॉलिसी का ऐलान कर दिया है. अमेरिका की नई वीजा नीति के तहत आलोचना करने वालों को अब अमेरिका में एंट्री नहीं दी जाएगी. इस बात का ऐलान अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियों ने किया.
रुबियो ने बताया कि यह नीति उन विदेशी अधिकारियों और अन्य लोगों पर लागू होगी, जो अमेरिकियों को सेंसर करने, जुर्माना लगाने, उत्पीड़न करने या आपराधिक आरोप लगाने में शामिल हैं. उन्होंने कहा, “लंबे समय से अमेरिकियों को विदेशी अधिकारियों द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए जुर्माना, उत्पीड़न और आरोपों का सामना करना पड़ा है. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अमेरिकी जीवनशैली का मूलभूत अधिकार है, जिस पर विदेशी सरकारों का कोई अधिकार नहीं है.”
कैसे आधिरित होगी वीजा आयोग्यता?
रुबियो ने स्पष्ट किया कि यह नीति उन विदेशी नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश से रोकेगी, जो अमेरिकियों के अधिकारों को कमजोर करते हैं. उन्होंने कहा, “चाहे वह लैटिन अमेरिका हो, यूरोप हो या कहीं और, जो लोग अमेरिकियों के अधिकारों को दबाने का प्रयास करते हैं, उनके लिए निष्क्रियता के दिन खत्म हो गए हैं.” हालांकि विदेश विभाग ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि इस नीति को कैसे लागू किया जाएगा या वीजा अयोग्यता निर्धारित करने के लिए किन सबूतों का उपयोग होगा.
अमेरिका फर्स्ट नीति के तहत उठाया कदम
यह नीति ट्रम्प प्रशासन की अमेरिका फर्स्ट नीति का हिस्सा है, जो विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने पर जोर देती है. रुबियो ने पहले भी विदेशी छात्रों और आगंतुकों के वीजा रद्द करने की वकालत की है, खासकर उन लोगों के लिए जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माने जाते हैं. यह कदम वैश्विक स्तर पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बहस को तेज कर सकता है, क्योंकि यह विदेशी सरकारों और व्यक्तियों को अमेरिकी नीतियों की आलोचना करने से हतोत्साहित कर सकता है.
किन पर पड़ेगा ज्यादा असर?
विश्लेषकों का मानना है कि इस नीति का प्रभाव यूरोप और लैटिन अमेरिका जैसे क्षेत्रों में अधिक देखा जा सकता है, जहां अमेरिकी नागरिकों को स्थानीय कानूनों के तहत अभिव्यक्ति के लिए दंडित किया गया है. हालांकि, बिना स्पष्ट दिशानिर्देशों के यह नीति विवादास्पद हो सकती है और कानूनी चुनौतियों को जन्म दे सकती है. यह कदम अमेरिका की विदेश नीति में एक नए युग की शुरुआत का संकेत देता है, जहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को वैश्विक स्तर पर संरक्षित करने की कोशिश की जा रही है.

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें