अंताल्या (तुर्की): पिछले महीने शंघाई विश्व कप में अपने प्रदर्शन से सभी को आकर्षित करने वाले पार्थ सालुंखे बुधवार को यहां जब तीरंदाजी विश्व कप के तीसरे चरण में भारत के लिए अपना अभियान शुरू करेंगे तो उनकी कोशिश फिर स. चमकदार प्रदर्शन करने की होगी.
पूर्व युवा विश्व चैंपियन सालुंखे ने अपने दूसरे ही विश्व कप में कांस्य पदक जीत लिया. जिसमें उन्होंने प्लेऑफ में पेरिस ओलंपिक के रजत पदक विजेता फ्रांस के बापटिस्टे एडिस को मात दी.
सेमीफाइनल में सर्वकालिक महान खिलाड़ी किम वूजिन के खिलाफ सालुंखे ने 0-4 से पिछड़ने के बाद वापसी कर स्कोर 4-4 से बराबर कर दिया. लेकिन पांच सेटों के रोमांचक मुकाबले में निर्णायक सेट में उन्हें मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा.
उन्होंने कहा, ‘यही मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण था और अंतिम सेट में ऐसा नहीं कर सका। मैं वहां पिछड़ गया. लेकिन यह खेल का एक हिस्सा है.’
व्यक्तिगत रूप से यह चरण राय और दास की अनुभवी जोड़ी के लिए खुद को साबित करने का अवसर प्रदान करता है, जिन्होंने मिलकर सात ओलंपिक में भाग लिया है.
महिला वर्ग में दीपिका कुमारी ने मां बनने के बाद शानदार वापसी की है। इस 30 वर्षीय पूर्व नंबर एक और चार बार की ओलंपियन ने शंघाई में कांस्य पदक जीता लेकिन सेमीफाइनल में कोरियाई प्रतिद्वंद्वी लिम सिह्योन से हार गईं.
अगर वह कोरियाई तीरंदाजों को चुनौती देने का रास्ता खोज लेती है तो वह 2021 के बाद से अपना पहला विश्व कप स्वर्ण पदक जीत सकती हैं.
भारत को सबसे ज्यादा सफलता कम्पाउंड वर्ग ने दिलाई. इसमें मधुरा धमनगांवकर ने शानदार वापसी करते हुए व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता जबकि ओजस देवताले, रिशव यादव और अनुभवी अभिषेक वर्मा की पुरुष टीम ने भी पहला स्थान हासिल किया. कम्पाउंड तीरंदाज एक बार फिर अंताल्या में अपनी शानदार फॉर्म को बरकरार रखकर भारत की पदक तालिका में योगदान करना चाहेंगे.
रिकर्व महिला: दीपिका कुमारी, अंकिता भक्त, सिमरनजीत कौर और अंशिका कुमारी.
कम्पाउंड महिला: ज्योति सुरेखा वेन्नम, मधुरा धमनगांवकर, चिकिथा तनिपर्थी और अदिति स्वामी.