शव निकालते-निकालते थक गई सेना लेकिन नहीं थम रहा मौत का तांडव, नाइजीरिया में डैम टूटने से अबतक 88 की मौत

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Nigeria Flood Death Toll: नाइजीरिया के मोक्वा शहर में बांध टूटने से आई बाढ़ में 88 लोगों की मौत हो चुकी है. बचाव अभियान जारी है. मोक्वा व्यापारिक केंद्र है, जो अब पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है. नाइजीरिया में हर…और पढ़ें

शव निकालते-निकालते थक गई सेना, इस देश में डैम टूटने से अबतक 88 की मौत

नाइजीरिया में बाढ़ से लाशों के ढेर लग गए. (AP)

हाइलाइट्स

  • नाइजीरिया में बाढ़ से 88 लोगों की मौत
  • मोक्वा शहर में बांध टूटने से आई बाढ़
  • बचाव अभियान जारी, सैकड़ों परिवार राहत कैंपों में

नई दिल्‍ली. अफ्रीकी देश नाइजीरिया के नाइजर प्रांत का मोक्वा शहर इस वक्‍त लाशों के ढेर पर बैठा है. लगातार मूसलाधार बारिश के बाद शहर के पास बना एक बांध टूट गया. जिसके बाद यहां ऐसी बाढ़ आई कि मौत का तांडव देखने को मिला. एक दो नहीं अबतक कुल 88 डेड बॉडी निकाली जा चुकी हैं. हर नया दिन नई लाशों की संख्‍या के साथ आगे बढ़ रहा है. राजधानी मिन्ना से मिली जानकारी के मुताबिक बचाव अभियान अब भी जारी है. राहत और बचाव टीमों के प्रमुख हुसैनी ईसा ने बताया कि कई लोग अब भी फंसे हुए हैं. हम लगातार शव निकाल रहे हैं. संख्या बढ़ रही है.

यह बाढ़ सिर्फ पानी नहीं लाई, बल्कि उम्मीदें भी बहा ले गई. मोक्वा नाइजर राज्य का एक बड़ा व्यापारिक केंद्र है. अब पूरी तरह बर्बाद हो चुका है. इस आपदा की शुरुआत हुई घंटों तक चली मूसलाधार बारिश से, लेकिन तबाही तब और गहरी हो गई जब शहर के पास बना एक बांध टूट गया. स्थानीय निवासियों की मानें तो पानी इतनी तेजी से फैला कि लोगों को घरों से बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला. एक महिला ने रोते हुए बताया, “मेरी आंखों के सामने मेरा बेटा बह गया… मैं बस चीखती रह गई.”

राहत कैंपों में पहुंचे सैकड़ों परिवार

ये पहला मौका नहीं है जब नाइजीरिया को इस तरह की त्रासदी ने जकड़ा हो. पिछले साल सितंबर में भी कुछ ऐसा ही हुआ था. उस समय 30 लोगों की जान गई थी और लाखों बेघर हो गए थे. बोको हराम जैसे आतंकी संगठनों की हिंसा ने उस मानवीय संकट को और भी भयावह बना दिया था. नाइजर और बेन्यू नदियों के तटीय इलाकों में अक्सर बाढ़ आती है. लेकिन इस बार जो हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर दिया है. सैकड़ों परिवार अब भी राहत कैंपों में इंतजार कर रहे हैं—किसी अपने की खबर का, या फिर किसी नए सवेरे का.

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Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें

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