Bilaspur News: राज मिस्त्री नहीं अब रानी मिस्त्री! मिलिए अनीता गंधर्व से, PM मोदी ने भी की तारीफ

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Chhattisgarh Rani Mistri Anita Gandharva: अनीता गंधर्व ने लोकल 18 से कहा कि यह सफर उनके लिए आसान नहीं था. पति और ससुर ने हर कदम पर साथ दिया. परिवार के सहयोग से ही उन्होंने इस कठिन काम को अपनाया और लगातार सीखते …और पढ़ें

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बिलासपुर

बिलासपुर की अनीता गंधर्व बनी महिला सशक्तिकरण की पहचान.

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की ग्रामीण पृष्ठभूमि से निकलकर एक महिला ने वो कर दिखाया, जिसे कभी सिर्फ पुरुषों का क्षेत्र माना जाता था. कोटा क्षेत्र के मिट्ठू नवागांव की अनीता गंधर्व अब रानी मिस्त्री के नाम से प्रसिद्ध हैं. उन्होंने न केवल राज मिस्त्री जैसे मेहनत भरे काम को अपनाया बल्कि दूसरी महिलाओं को भी इसके लिए प्रेरित किया. आज अनीता न सिर्फ घरों का निर्माण कर रही हैं बल्कि महिला सशक्तिकरण की एक जीती-जागती मिसाल बन चुकी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके काम की तारीफ करते हुए बिलासपुर की एक जनसभा में रानी मिस्त्री की पहल को सराहा था. अनीता की कहानी न सिर्फ प्रेरणादायक है बल्कि यह दिखाती है कि अगर हिम्मत और साथ हो, तो ग्रामीण महिलाएं भी आत्मनिर्भरता की मिसाल बन सकती हैं.

अनीता गंधर्व ने उन रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़ा, जिनमें महिलाओं को सिर्फ घर की चारदीवारी तक सीमित माना जाता था. उन्होंने राज मिस्त्री जैसे शारीरिक मेहनत वाले कार्य को अपनाया, जो अब तक पुरुषों का काम माना जाता था. उनकी यह हिम्मत समाज में एक नई सोच और बदलाव की दिशा में मजबूत कदम है. मिट्ठू नवागांव की अनीता गंधर्व आज गांव में ही नहीं बल्कि आसपास के इलाकों में भी ‘रानी मिस्त्री’ के नाम से पहचानी जाती हैं. उन्होंने न केवल खुद काम सीखा बल्कि अन्य ग्रामीण महिलाओं को भी इस क्षेत्र में प्रशिक्षित कर रोजगार के अवसर दिए. अनीता के साथ महिला कुली और महिला हेल्पर भी घर निर्माण में सहयोग कर रही हैं.

स्वच्छ भारत मिशन से मिली नई उड़ान
गांव के सरपंच ने अनीता को स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण की जिम्मेदारी दी थी. उन्होंने इसे सफलतापूर्वक निभाया. इसके बाद आसपास के गांवों से भी उन्हें निर्माण कार्य के प्रस्ताव मिलने लगे. उनकी मेहनत और गुणवत्ता ने उन्हें एक भरोसेमंद मिस्त्री बना दिया है. अनीता लोकल 18 को बताती हैं कि यह सफर उनके लिए आसान नहीं था लेकिन उनके पति और ससुर ने हर कदम पर साथ दिया. परिवार के सहयोग से उन्होंने इस कठिन काम को अपनाया और लगातार सीखते हुए उसमें महारत हासिल की.

बिहान योजना और स्वरोजगार से बनीं लखपति दीदी
बिहान योजना से जुड़ने के बाद अनीता ने स्वरोजगार की दिशा में और भी मजबूत कदम बढ़ाए. उन्होंने होटल और चाट व्यवसाय शुरू किया, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि हुई. अब उन्हें गांव में लखपति दीदी के नाम से भी जाना जाता है. जब लोकल 18 संवाददाता उनके घर पहुंचे, तो देखा कि अनीता खुद घर निर्माण का कार्य कर रही थीं. उनके साथ काम करने वाली महिलाओं ने गर्व से कहा, ‘अनीता दीदी हम सबके लिए प्रेरणा हैं.’ उन्होंने यह साबित किया कि अगर अवसर मिले और संकल्प मजबूत हो, तो कोई भी महिला किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है.

समाज को नई दिशा दे रहीं ‘रानी मिस्त्री’
अनीता गंधर्व की कहानी यह दर्शाती है कि ग्रामीण महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन सकती हैं, जरूरत सिर्फ एक मौके, सहयोग और हिम्मत की होती है. उन्होंने अपने कार्य और आत्मविश्वास से साबित कर दिया कि महिलाएं अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं. वे निर्माण भी कर सकती हैं और नई पीढ़ी को प्रेरित भी.

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मिलिए ‘रानी मिस्त्री’ अनीता गंधर्व से, PM नरेंद्र मोदी ने भी की तारीफ

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