क्या पोप लियो XIV वेटिकन सिटी के प्रमुख होने के साथ बने रह सकते हैं अमेरिकी नागरिक?, क्या हैं नियम

Can Pope Leo Remain a US Citizen: पोप लियो XIV को कैथोलिक चर्च का नया प्रमुख बने लगभग तीन सप्ताह हो चुके हैं. रॉबर्ट प्रीवोस्ट, जिन्हें अब पोप लियो XIV के नाम से जाना जाता है कैथोलिक चर्च के शीर्ष पद पर पहुंचने वाले अमेरिकी मूल के पहले धार्मिक नेता हैं. फिलहाल वे एक जटिल और कानूनी रूप से पेचीदा स्थिति में फंस गये हैं. क्योंकि अब वे एक अमेरिकी नागरिक होने के साथ-साथ एक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष भी हैं. जो लोग नहीं जानते उनको बता दें कि 1955 में शिकागो में रॉबर्ट प्रीवोस्ट के रूप में जन्मे पोप लियो के पास अमेरिका के साथ-साथ पेरू की भी दोहरी नागरिकता है. जहां उन्होंने मिशनरी और बिशप के रूप में काफी समय बिताया. अब, चूकि उन्हें कैथोलिक चर्च का प्रमुख बनाया गया है, इसलिए वे एक स्वतंत्र राज्य वेटिकन सिटी के प्रमुख के रूप में भी काम करते हैं. इससे यह सवाल उठा है कि क्या पोप विदेशी सरकार का नेतृत्व करते हुए अमेरिकी नागरिक बने रह सकते हैं?

क्या वेटिकन एक संप्रभु राष्ट्र है?
चर्च के अनुसार दुनिया भर में लगभग 140 करोड़ कैथोलिक हैं. उनके आध्यात्मिक नेता होने के अलावा पोप लियो दुनिया के सबसे छोटे देश के प्रमुख भी हैं. वेटिकन सिटी सिर्फ 0.44 वर्ग किलोमीटर में फैला है और इसकी आबादी कुछ सौ लोगों की है. यह 1929 में इटली और होली सी के बीच एक संधि के तहत एक स्वतंत्र राज्य बना था.

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क्या छिन जाएगी पोप की अमेरिकी नागरिकता?
विदेशी सरकारों के लिए काम करने वाले अमेरिकियों को ऑटोमैटिक तरीके से अपनी अमेरिकी नागरिकता खोने का जोखिम नहीं है. लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि वह उन अमेरिकियों की नागरिकता की स्थिति की समीक्षा कर सकता है जो विदेशी राष्ट्राध्यक्ष, विदेशी सरकार के प्रमुख या विदेश मंत्री के रूप में काम करते हैं. बयान में कहा गया है, “ऐसे मामले अंतरराष्ट्रीय कानून के जटिल प्रश्न उठाते हैं, जिनमें अमेरिकी क्षेत्राधिकार से उस व्यक्ति को दी जाने वाली इम्युनिटी के स्तर से संबंधित मुद्दे भी शामिल हैं.” विदेश विभाग ने पोप लियो की स्थिति पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. एक प्रवक्ता ने कहा कि विभाग व्यक्तियों की नागरिकता पर चर्चा नहीं करता है.

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कानून के जानकारों का क्या है कहना
टेंपल यूनिवर्सिटी के कानून के प्रोफेसर और नागरिकता कानून के विशेषज्ञ पीटर स्पिरो ने कहा कि मुख्य मुद्दा यह है कि क्या विदेशी नेताओं को अमेरिकी नागरिकता रखनी चाहिए, जबकि उन्हें अमेरिकी कानूनों से काफी छूट भी हासिल है. ऐसी छूट संवैधानिक सिद्धांत के साथ टकराती है कि कोई भी अमेरिकी नागरिक कानून से ऊपर नहीं होना चाहिए. हालांकि, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 1980 में अपने एक फैसले में कहा था कि अमेरिकियों की नागरिकता तब तक नहीं छीनी जा सकती जब तक कि वे जानबूझकर इसे त्याग न दें. स्पिरो ने कहा, “विदेश विभाग कभी भी यह नहीं मानता कि आप अपनी नागरिकता खोने का इरादा रखते हैं, जब तक कि आप एक प्रक्रिया के माध्यम से विशेष रूप से इसे त्यागने के लिए न कहें.” उन्होंने कहा कि यह तर्क देना कठिन होगा कि लियो ने पोप बनकर अमेरिकी नागरिक होने का इरादा त्याग दिया है. स्पिरो ने कहा, “मुझे लगता है कि यह बेहद असंभव है कि अमेरिका पोप की नागरिकता समाप्त करने का कदम उठाए.”

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क्या पोप पेरू के नागरिक बने रह सकते हैं?
पेरू के राष्ट्रीय पहचान एवं नागरिक स्थिति रजिस्ट्री के उपनिदेशक जॉर्ज पुच ने कहा कि पोप लियो के नागरिक बने रहने से पेरू के कानून का कोई टकराव नहीं है. लियो को अगस्त 2015 में पेरू की नागरिकता दी गई थी. यानी पोप फ्रांसिस द्वारा उन्हें दक्षिण अमेरिकी देश के उत्तरी क्षेत्र में चिक्लेयो का बिशप नियुक्त करने से एक महीने पहले. नागरिक बनने के लिए उन्हें कम से कम दो साल पेरू में रहना था और नागरिक परीक्षा पास करनी थी. पुच ने कहा, “यह सबसे प्रशंसनीय बात है जो हमारे प्रिय सर्वोच्च पोप ने की है. जन्म से पेरूवासी न होते हुए भी पेरू की राष्ट्रीयता की इच्छा करना.” सभी वयस्क पेरूवासियों, जिनमें जन्म से नागरिक भी शामिल हैं, को 69 वर्ष की आयु तक चुनावों में मतदान करना अनिवार्य है. अगले अप्रैल में पेरू के राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करना लियो के लिए अनिवार्य नहीं होगा. सितंबर में उनकी आयु 70 वर्ष हो जाएगी.

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क्या पहले के पोपों ने अपनी नागरिकता बरकरार रखी?
यह स्पष्ट नहीं है कि लियो के पूर्ववर्तियों के पोप बनने के बाद उनकी नागरिकता का क्या हुआ. यह वह जानकारी नहीं है जिसका खुलासा वेटिकन करता है. पोप फ्रांसिस ने पोप बनने के एक साल बाद 2014 में अपने गृह देश अर्जेंटीना में अपना पासपोर्ट रिन्यू कराया था. जर्मनी में जन्मे पोप बेनेडिक्ट XVI और पोलैंड के मूल निवासी पोप जॉन पॉल II ने कभी भी अपने गृह देशों की सार्वजनिक रूप से नागरिकता नहीं छोड़ी. जॉन पॉल 455 सालों में पहले गैर-इतालवी पोप थे. 

अंग्रेजी में नहीं दिया था पहला भाषण
सिरैक्यूज़ यूनिवर्सिटी में इतिहास की प्रोफेसर और अमेरिकी कैथोलिक धर्म की विशेषज्ञ मार्गरेट सुसान थॉम्पसन ने कहा कि उन्हें संदेह है कि पोप लियो अपनी अमेरिकी नागरिकता त्याग देंगे. लेकिन उनका मानना ​​है कि नए पोप ने जब अपना पहला भाषण अंग्रेजी का इस्तेमाल किए बिना इतालवी और स्पेनिश में दिया तो वे एक संदेश दे रहे थे. थॉम्पसन ने कहा, “मुझे लगता है कि वह इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि वह सार्वभौमिक कैथोलिक चर्च के पोप हैं, न कि कोई अमेरिकी जो इस पद पर है.”

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क्या किसी विदेशी सरकार के प्रमुख रहे हैं अमेरिकी नागरिक
इसके कुछ उल्लेखनीय उदाहरण हैं. पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का जन्म 1964 में न्यूयॉर्क में ब्रिटिश माता-पिता के घर हुआ था. उन्होंने बचपन में ही अमेरिका छोड़ दिया था और 2016 में ब्रिटेन के विदेश मंत्री के पद पर रहते हुए अपनी अमेरिकी नागरिकता त्याग दी थी. जॉनसन तीन साल बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने. मोहम्मद अब्दुल्लाही मोहम्मद 2017 में सोमालिया के राष्ट्रपति चुने जाने के समय अमेरिकी नागरिक थे. सोमालिया में जन्मे मोहम्मद 1985 में अमेरिका से चले गए और 1990 के दशक में सोमालिया के नागरिक बन गए. मोहम्मद ने राष्ट्रपति बनने के दो साल बाद अपनी अमेरिकी नागरिकता छोड़ दी. वाल्दास एडमकस का परिवार सोवियत कब्जे से बचने के लिए जब लिथुआनिया से भागा तो अमेरिकी नागरिक बन गया. सोवियत संघ के पतन के कई साल बाद 1998 में वह लिथुआनिया के राष्ट्रपति पद पर वापस लौटे. निर्वाचित होने के बाद उन्होंने अपनी अमेरिकी नागरिकता छोड़ दी.

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