जांजगीर चांपा: जिनके इरादों में जान होती है, उनके सामने कोई भी दीवार नहीं होती, इस कहावत को हकीकत में बदल दिया है सक्ती जिले के ग्राम पंचायत दुरपा निवासी अभिनव राठौर ने, जो जन्म से मूकबधिर हैं. लेकिन आज अपनी कला, मेहनत और जज़्बे के दम पर ऑस्ट्रेलिया में छत्तीसगढ़ की संस्कृति को प्रस्तुत किया. ऑस्ट्रेलिया में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक यात्रा में अभिनव भारत के 14 सदस्यीय सांस्कृतिक दल का हिस्सा रहे. वे छत्तीसगढ़ की लोक परंपराएं, नृत्य और संस्कृति को विदेशों में प्रदर्शित किया, यह अवसर न केवल उनकी उपलब्धि है, बल्कि लोग इसे छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक भी मान रहे है.
अभिनव के पिता सुखीराम राठौर अभिनव ने सक्ती के मूकबधिर विद्यालय से 10वीं तक की पढ़ाई की और फिर इंदौर में उच्च शिक्षा की राह पर अग्रसर हुए. वर्तमान में वे कॉलेज के अंतिम वर्ष में हैं, पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने तैराकी में राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर राज्य और जिले का नाम रोशन किया है. इस उपलब्धि पर माता-पिता ने खुशी जताई है.
अभिनव के साथ इन कलाकारों ने ऑस्ट्रेलिया में दी प्रस्तुति
ग्राम दुरपा जैसे छोटे से गांव के रहने वाले अभिनव राठौर के द्वारा आस्ट्रेलिया में प्रस्तुति देना गर्व की बात है, इनके साथ सुनील पाटीदार, वर्षा डोंगरे, ममता सिंह, मनाली दांगी, अंकित विश्वकर्मा, जयतीका परमार, श्रुति गुप्ता, खुशबू पटेल, सिद्धार्थ परिहार सहित कुल 10 प्रतिभागी आस्ट्रेलिया में सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी. प्रतिभागियों के साथ एवं 2 व्यवस्थापक राजकुमार पंजाबी, जयराम व्यंकटकृष्णन भी आस्ट्रेलिया गये थे. इस उपलब्धि पर अध्यक्ष मुरलीधर जमानी, सचिव अमिता मराठे, बी कल्याणने उज्जवल भविष्य की कामना की..