Chhattisgarh Politics : छत्तीसगढ़ में बीजेपी का ‘संकल्प से सिद्धि’ कांग्रेस जता रही है आपत्ति, बढ़ा है सियासी बवाल

रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजनीति एक बार फिर गरमा चुकी है, और इस बार केंद्र में है भारतीय जनता पार्टी का “संकल्प से सिद्धि” अभियान. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 11 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में भाजपा ने 9 जून से 21 जून तक राज्यभर में इस वृहद अभियान की शुरुआत की है. इस दौरान हर शक्ति केंद्र में चौपालें, योग शिविर और जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसका मुख्य उद्देश्य “डबल इंजन सरकार” के कामकाज और उपलब्धियों को घर-घर तक पहुंचाना है. हालांकि, भाजपा के इस सियासी एक्शन प्लान को लेकर कांग्रेस ने तीखी आपत्ति दर्ज कराई है, जिससे राज्य में बयानबाजी का दौर तेज हो गया है और राजनीतिक पारा चढ़ गया है.

भाजपा का “संकल्प से सिद्धि” अभियान केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सुनियोजित चुनावी रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है. आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए, भाजपा इस अभियान के माध्यम से न केवल केंद्र सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाना चाहती है, बल्कि राज्य में अपनी पैठ मजबूत करने और कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने का प्रयास भी कर रही है. चौपालों और जनसंवाद के जरिए सीधे जनता से जुड़कर, भाजपा जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने और विपक्ष के खिलाफ माहौल बनाने का प्रयास करेगी. योग शिविरों के माध्यम से सॉफ्ट पावर का प्रदर्शन भी एक रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जो आम जनता के बीच सकारात्मक छवि बनाने में सहायक होगा. “डबल इंजन सरकार” का नैरेटिव गढ़कर, भाजपा केंद्र और राज्य दोनों में अपनी सरकारों के लाभों को उजागर कर रही है, जिससे विकास और सुशासन की एक समग्र तस्वीर पेश की जा सके.

सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग, जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश
दूसरी ओर, कांग्रेस ने भाजपा के इस अभियान पर आपत्ति दर्ज कराई है. कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है और यह अभियान केवल एक चुनावी स्टंट है. कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी इस बात पर केंद्रित है कि भाजपा केंद्र सरकार की असफलताओं को छिपाने और जनता का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे कार्यक्रमों का सहारा ले रही है. वे केंद्र सरकार की नीतियों, महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सवाल उठा रहे हैं और राज्य सरकार की उपलब्धियों को गिनाकर भाजपा के दावों को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं. कांग्रेस के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह भाजपा के नैरेटिव को चुनौती दे और अपने मुद्दों को प्रभावी ढंग से जनता तक पहुंचाए, ताकि भाजपा को ‘वॉकओवर’ न मिल सके.

केंद्र सरकार की उपलब्धियां और ‘डबल इंजन’ के लाभ
इस सियासी घमासान के कई मायने देखे जा रहे हैं. सबसे पहले, कि छत्तीसगढ़ में राजनीतिक प्रतिस्पर्धा कैसी है. दोनों ही प्रमुख दल आगामी चुनावों के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. दूसरे, यह अभियान और उस पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया, आगामी चुनावों के लिए प्रमुख चुनावी मुद्दों की झलक देती है. भाजपा केंद्र सरकार की उपलब्धियों और “डबल इंजन” के लाभों पर जोर देगी, जबकि कांग्रेस केंद्र सरकार की विफलताओं और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को उजागर करेगी. तीसरे, यह अभियान जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की सक्रियता और जनता से जुड़ाव के महत्व को रेखांकित करता है. जो पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को प्रभावी ढंग से सक्रिय कर पाएगी और जनता के बीच अपनी बात सफलतापूर्वक रख पाएगी, उसे बढ़त मिलने की संभावना है.

कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया और बयानबाजी
छत्तीसगढ़ में भाजपा का “संकल्प से सिद्धि” अभियान एक महत्वपूर्ण राजनीतिक पहल है, जिसका उद्देश्य केंद्र सरकार की उपलब्धियों को उजागर करना और आगामी चुनावों के लिए माहौल बनाना है. कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया और बयानबाजी इस बात का संकेत है कि वह भाजपा को आसानी से यह मैदान नहीं छोड़ने देगी. यह देखना दिलचस्प होगा कि यह सियासी एक्शन प्लान और उस पर होने वाली प्रतिक्रियाएं आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों की दिशा को किस प्रकार प्रभावित करती हैं.

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