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Chhattisgarh Rationalization News: छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग के युक्तियुक्तकरण अभियान को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है. कांग्रेस ने इस फैसले को गरीब और दूरस्थ क्षेत्रों के खिलाफ बताते हुए राज्यव्यापी आंदोल…और पढ़ें

युक्तियुक्तकरण अभियान को लेकर कई जिलों में विरोध हो रहा है.
हाइलाइट्स
- कांग्रेस ने युक्तियुक्तकरण के खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया.
- CM साय ने इसे शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का कदम बताया.
- शिक्षक संगठनों ने युक्तियुक्तकरण पर आपत्तियां जताई.
रायपुर. छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा चलाए जा रहे युक्तियुक्तकरण अभियान को लेकर राज्य की राजनीति गरमा गई है. कई इलाकों में टीचर्स ने विरोध जताना और प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि बिना सर्वे किए फैसला लिया गया है, इससे टीचर और छात्र-छात्राओं का नुकसान होगा. एक ओर जहां कांग्रेस ने इस फैसले को गरीब और दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों के खिलाफ बताते हुए राज्यव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और छात्रों के हित में उठाया गया एक आवश्यक कदम बताया है.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गिनाए फायदे, कहा- विपक्ष करे विरोध
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कांग्रेस के विरोध को “विपक्ष का काम” बताया है. उन्होंने जोर देते हुए कहा, “युक्तियुक्तकरण शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक जरूरी कदम है. यह कदम बच्चों के हित में है.” मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि उनकी सरकार में पिछली ट्रांसफर नीतियों के कारण लगभग 300 स्कूल शिक्षकविहीन हो गए थे, और यह प्रक्रिया उन विसंगतियों को ठीक करने के लिए है. उनका मानना है कि इससे संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा और बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी. उन्होंने कांग्रेस से आग्रह किया कि वह बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और मजबूत शिक्षा प्रणाली के खिलाफ राजनीति न करे.
कांग्रेस का विरोध और गंभीर आरोप
कांग्रेस ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को ग्रामीण और आदिवासी छात्रों के हितों के खिलाफ बताते हुए इसे “जनविरोधी” करार दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार शिक्षकों की कमी का समाधान करने के बजाय, मौजूदा शिक्षकों को भी हटा रही है, जो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. कांग्रेस ने घोषणा की है कि वे 5, 6 और 7 जून को सभी जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, जिसके बाद 9, 10 और 11 जून को ब्लॉक स्तर पर बीईओ (Block Education Officer) कार्यालयों का घेराव किया जाएगा. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस बात पर जोर दिया है कि युक्तियुक्तकरण की आवश्यकता उन स्कूलों के लिए है, जो शिक्षकविहीन हैं, और भाजपा सरकार ने 57,000 शिक्षकों की भर्ती का वादा किया था, लेकिन उसे पूरा नहीं किया.
शिक्षकों की आपत्ति और मांगें
शिक्षक संगठनों ने भी इस प्रक्रिया पर गंभीर आपत्तियां जताई हैं. उनका आरोप है कि युक्तियुक्तकरण बिना समुचित सर्वेक्षण के किया जा रहा है, जिससे कई स्थानों पर एक ही शिक्षक को दो स्कूलों का काम सौंपा जा रहा है. वे यह भी तर्क दे रहे हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों की संख्या कम होने पर वहां से शिक्षकों को हटाना स्थानीय बच्चों की शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. शिक्षकों की मुख्य मांग है कि युक्तियुक्तकरण से पहले सभी रिक्त पदों को भरा जाए और प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता बरती जाए. गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, बालोद और कोंडागांव जैसे जिलों में शिक्षकों ने इस प्रक्रिया के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है और काउंसलिंग का बहिष्कार भी किया है, यह आरोप लगाते हुए कि जारी की गई सूचियां त्रुटिपूर्ण हैं.