Coal Scam 6 Accused Ex-IAS Ranu Sahu Saumya Chaurasia Released Bail Supreme Court Banned Residing State ED-570 करोड़ का कोयला घोटाला: जेल से छूटे 6 VIP आरोपी, सुप्रीम कोर्ट ने दी चेतावनी – ‘छत्तीसगढ़ छोड़ो’

Last Updated:

छत्तीसगढ़ के 570 करोड़ रुपये के कोयला लेवी घोटाले में छह बड़े आरोपी सुप्रीम कोर्ट की शर्त पर रिहा हुए, जिसमें सौम्या चौरसिया, रानू साहू और समीर विश्नोई शामिल हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच बताती है कि छत्त…और पढ़ें

कोयला घोटाला: जेल से छूटे VIP आरोपी, लेकिन SC की चेतावनी – 'प्रदेश छोड़ो'

कोयला घोटाले के आरोपी रानू शर्मा समेत अन्‍य को जमानत मिली.

हाइलाइट्स

  • छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले में छह आरोपी रिहा हुए.
  • सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों को राज्य छोड़ने का आदेश दिया.
  • रिहा आरोपियों में सौम्या चौरसिया, रानू साहू और समीर विश्नोई शामिल.

रायपुर. छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े भ्रष्टाचार मामलों में से एक, 570 करोड़ रुपये के कोयला लेवी घोटाले, में शनिवार को एक बड़ा मोड़ आ गया. इस हाई-प्रोफाइल केस में जेल में बंद छह VIP आरोपी अंततः रिहा हो गए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी रिहाई को एक सख्त शर्त से जोड़ा: उन्हें तुरंत राज्य छोड़ना होगा. इन्‍हें 31 मई को रायपुर सेंट्रल जेल के पिछले दरवाजे से चुपचाप बाहर निकाला गया ताकि कैमरों की चमक और सवालों से बचा जा सके. रिहा हुए लोगों में सीएम की पूर्व उपसचिव रहीं सौम्या चौरसिया, निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू और राज्य प्रशासनिक सेवा के समीर विश्नोई शामिल हैं, जो पहले सरकार के भीतर ताकतवर माने जाते थे.

जानकारी के अनुसार एक समय मुख्यमंत्री कार्यालय की सबसे विश्वसनीय अफसर सौम्या चौरसिया जिन पर सिंडिकेट की मुख्य लाभार्थी होने का आरोप है. दूसरी कोयला विभाग से जुड़ीं, IAS अधिकारी रानू साहू, जिन्हें ईडी ने सिंडिकेट का अहम सदस्य बताया था. तीसरे राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी समीर विश्नोई, जिनकी जांच में सक्रिय भूमिका के सबूत मिले हैं और तीन अन्‍य रजनीकांत तिवारी, वीरेंद्र जायसवाल, संदीप नायक जो कथित रूप से वसूली सिंडिकेट का हिस्सा थे. इन सभी को जमानत पर रिहा किया गया है.

पूरा घोटाला: कैसे लूटे गए 570 करोड़?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच बताती है कि छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन के नाम पर एक गैरकानूनी लेवी वसूली जा रही थी. इसमें सरकारी अधिकारियों, व्यापारियों और राजनेताओं का गठजोड़ था, जो हर ट्रक से मोटी रकम ऐंठते थे. इस पैसे को हवाला के जरिए देश-विदेश में पहुंचाया गया और अवैध संपत्तियों में निवेश किया गया. ED का आरोप है कि यह ‘संगठित सिंडिकेट’ एक सटीक रणनीति से करोड़ों की वसूली करता था. इसमें सूर्यकांत तिवारी नाम का एक कोयला कारोबारी भी मुख्य भूमिका में था, जिसे अभी तक जमानत नहीं मिली है और वह जेल में है.

सुप्रीम कोर्ट ने दी चेतावनी, कहा- बाहर जाओ, गवाहों को मत डराओ
सुप्रीम कोर्ट में 29 मई को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की डबल बेंच ने इन छह आरोपियों को अंतरिम जमानत दी, लेकिन एक शर्त रखी है कि तुरंत छत्तीसगढ़ छोड़ो. कोर्ट को इस बात की आशंका थी कि आरोपी राज्य में रहते हुए गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. अब ये सभी आरोपी पासपोर्ट जमा करेंगे और छत्तीसगढ़ से बाहर किसी भी ठिकाने का पता संबंधित पुलिस थाने को देंगे. यह अंतरिम जमानत कब तक लागू रहेगी, और केस में आगे क्या मोड़ आएंगे—इस पर पूरे देश की नजर है.

लेकिन बाकी आरोपी अब भी सलाखों के पीछे
इस रिहाई से एक बात साफ हो गई है—जिन पर DMF घोटाले का आरोप भी है, उनकी रिहाई इतनी आसान नहीं. खासकर सूर्यकांत तिवारी और निखिल चंद्राकर जैसे आरोपी अब भी जेल में हैं और उनकी जमानत याचिकाओं पर कोर्ट का फैसला बाकी है.

भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखें
homechhattisgarh

कोयला घोटाला: जेल से छूटे VIP आरोपी, लेकिन SC की चेतावनी – ‘प्रदेश छोड़ो’

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *