देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 5,364 से अधिक हो गई है और केरल सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है जिसके बाद गुजरात, पश्चिम बंगाल और दिल्ली सबसे अधिक प्रभावित हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़े से यह जानकारी मिली। संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि के मद्देनजर केंद्र ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे कोविड-19 के मामले बढ़ने के मद्देनजर ऑक्सीजन, पृथक बिस्तर, वेंटीलेटर और जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण समय के साथ कमजोर हो रहा है लेकिन इसके मामलों में कभी-कभार वृद्धि होने की आशंका है जिससे चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। विशेषज्ञों ने देश के विभिन्न भागों में बीमारी के बढ़ते मामलों संबंधी चिंता को लेकर कहा कि ऐसा लगता है कि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी और तापमान में अत्यधिक वृद्धि जैसे उन मौसमी कारकों का परिणाम है जिनके कारण हम वातानुकूलित स्थानों पर रहते हैं। उन्होंने सावधानी बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया।
अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहरिया ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘कोरोना वायरस के कारण होने वाला संक्रमण हर गुजरते साल के साथ कमजोर हो रहा है। यह (अब) मात्र श्वसन संबंधी एक और बीमारी है तथा फ्लू से कम खतरनाक है। यह अब चिंता का विषय नहीं है।’’
हरियाणा स्थित अशोका विश्वविद्यालय के ‘त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज’ में जीव विज्ञान और स्वास्थ्य अनुसंधान के डीन अनुराग अग्रवाल ने कहा, ‘‘इसके सभी उप स्वरूप एक जैसे हैं, जो अत्यधिक संक्रामक लेकिन कमजोर हैं। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधी क्षमता अत्यंत कमजोर है वे गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं लेकिन अधिकतर लोगों, खासकर पहले संक्रमित हो चुके या टीके लगवा चुके लोगों को अधिक खतरा नहीं है।’’
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दो साल पहले मई 2023 में कोविड-19 को ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति’ घोषित किया था। स्वास्थ्य विशेषज्ञ अब इस बीमारी को ‘मौसमी’, ‘स्थानिक’ या ‘एक निश्चित क्षेत्र तक सीमित’ बीमारी के रूप में परिभाषित करते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में छह जून तक संक्रमितों की संख्या 5,300 को पार कर गई और इनमें से करीब 500 लोग पिछले 24 घंटे में संक्रमित हुए। मंत्रालय ने बताया कि 4,700 से अधिक लोग संक्रमित होने के बाद ठीक हो चुके हैं।
मंत्रालय के अनुसार, इस साल जनवरी से कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है और इस दौरान इस संक्रमण से 55 लोगों की मौत हुई है। इनमें से अधिकतर लोग पहले से किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त थे। डब्ल्यूएचओ के पूर्व स्टाफ सदस्य एवं चिकित्सक लहरिया ने कहा, ‘‘पहले से बीमार लोगों और 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान वे सभी मानक सावधानियां बरतनी चाहिए जो वे श्वास संबंधी अन्य संक्रमण के समय बरतते हैं।’’
मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि केरल सबसे अधिक प्रभावित हुआ है और वहां 1,600 से अधिक मामले सामने आए हैं। इसके बाद गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और महाराष्ट्र हैं।भारत के अलावा सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड और हांगकांग सहित दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों में कोरोना वारयस संक्रमण के मामले बढ़े हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि चूंकि कोरोना वायरस संक्रमण अब स्थानिक हो गया है और उसके स्वरूप में लगातार बदलाव हो रहा है इसलिए संक्रमण के मामलों की संख्या में उतार-चढ़ाव की संभावना है।