दिल्ली पुलिस ने छेन्‍नू गैंग के दो खतरनाक अपराधियों को गिरफ्तार किया.


Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (सेंट्रल रेंज) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए राजधानी के पूर्वी उत्तर क्षेत्र में सक्रिय कुख्यात छेन्‍नू गैंग के दो खतरनाक अपराधियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान समीउर उर्फ खोपड़ (24) और रज़ा उर्फ राजा (25) के रूप में हुई है, जो ज़ाफराबाद के रहने वाले हैं और पहले से ही कई मामलों में वांछित थे.

गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों के पास से एक चोरी की स्कूटी और 17 महंगे मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. ये सभी मोबाइल फोन स्नैचिंग की घटनाओं में लूटे गए थे. दोनों आरोपी ज़ाफराबाद थाने के सक्रिय और अनुपस्थित बदमाश हैं और छेन्‍नू गैंग के सरगना इरफ़ान उर्फ छेन्‍नू पहलवान के करीबी माने जाते हैं.

गोपनीय सूचना और ऑपरेशन की योजना SI सुभाष चंद को इन दोनों आरोपियों की सीलमपुर इलाके में गतिविधि की गुप्त जानकारी मिली थी. तत्‍काल कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर सुनील कुमार कालखांडे के नेतृत्व और ACP पंकज अरोड़ा के निकट पर्यवेक्षण में एक विशेष टीम बनाई गई. टीम में SI सुभाष चंद, SI बीरपाल, HC विजय सिंह समेत कुल 6 अधिकारी शामिल थे.

गिरफ्तारी का रोमांचक घटनाक्रम 21 मई को टीम ने पहले एमसीडी ऑफिस, सीलमपुर के पास जाल बिछाया लेकिन आरोपी वहां नहीं पहुंचे. इसके बाद HC विजय सिंह ने तकनीकी निगरानी के माध्‍यम से उनकी लोकेशन ट्रैक की. लंबी तलाश के बाद दोनों को अशाराम त्‍यागी मार्ग, सीलमपुर के पास धर दबोचा गया.

शुरुआत में दोनों पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करते रहे, लेकिन जब उनके पुराने आपराधिक रिकॉर्ड सामने रखे गए, तो वे टूट गए और “छेन्‍नू गैंग” से अपनी संलिप्तता कबूल कर ली.

जेल में गैंगवार की पृष्‍ठभूमि पूछताछ में खुलासा हुआ कि जनवरी 2025 में, मंडोली जेल में बंद समीउर ने अपने साथी भरत शर्मा के साथ मिलकर अपने प्रतिद्वंदी “हाशिम बाबा गैंग” के सदस्य सुहैल उर्फ चप्पल पर चाकू से हमला किया था. सुहैल ने 2024 में छेन्‍नू गैंग के अहम सदस्य छोटा रिजवान की हत्या की थी, जिसका बदला लेने के लिए यह हमला किया गया.

आरोपियों का आपराधिक इतिहास समीउर उर्फ खोपड़ 14 आपराधिक मामलों में शामिल रहा है, जिनमें आर्म्स एक्ट, लूट और हत्या की कोशिश जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं. वहीं रज़ा उर्फ राजा 5 मामलों में शामिल है. दोनों पर अलग-अलग थानों में केस दर्ज हैं, और कोर्ट द्वारा जारी वारंट लंबित हैं.



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