डोनाल्ड ट्रंप ने आपातकालीन शक्तियों का सबसे अधिक उपयोग किया रिपोर्ट

Last Updated:

US News: डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल में आपातकालीन शक्तियों का अत्यधिक उपयोग किया. 150 में से 30 कार्यकारी आदेशों में आपातकालीन कानूनों का सहारा लिया. उन्होंने 1977 के IEEPA का भी बार-बार इस्तेमाल किया.

जब संकट नहीं तब भी डोनाल्ड ट्रंप ने लगाया ‘आपातकाल’, समझें क्या है खेल?

हाइलाइट्स

  • ट्रंप ने कार्यकाल में आपातकालीन शक्तियों का अत्यधिक उपयोग किया
  • 150 में से 30 कार्यकारी आदेशों में आपातकालीन कानूनों का सहारा लिया
  • ट्रंप ने 1977 के IEEPA का बार-बार इस्तेमाल किया

वाशिंगटन: अमेरिका में जब भी संकट आता है, देश के राष्ट्रपति को कुछ अतिरिक्त अधिकार मिलते हैं ताकि वो जल्दी फैसले ले सकें. लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में यह ‘आपातकालीन ताकतें’ एक अलग ही रूप ले चुकी थीं. व्हाइट हाउस में बैठकर ट्रंप ने जितने बार इन शक्तियों का इस्तेमाल किया, उतना आज तक किसी राष्ट्रपति ने नहीं किया था. एसोसिएटेड प्रेस की जांच बताती है कि ट्रंप के 150 कार्यकारी आदेशों में से करीब 30 आदेश ऐसे थे, जिनमें उन्होंने किसी न किसी आपातकालीन कानून का सहारा लिया.

संकट के नियम बने हथियार

इन कानूनों को कभी युद्ध या राष्ट्रीय संकट के समय इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया था, लेकिन ट्रंप ने इन्हें अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने का जरिया बना लिया. उन्होंने कठोर आयात शुल्क लगाए, सीमाओं पर सैनिक तैनात किए और पर्यावरण से जुड़े नियमों को किनारे किया—वो भी संसद को दरकिनार करके.

ट्रंप ने ‘आपातकाल’ का मतलब बदल दिया

कानूनी विशेषज्ञ इल्या सोमिन कहते हैं, ‘ट्रंप का काम करने का तरीका ही अलग था. उन्होंने इन शक्तियों को ऐसे इस्तेमाल किया जैसे ये रोज़मर्रा की सुविधा हों. न कि किसी आपात स्थिति के लिए.’ सोमिन उन पांच व्यवसायों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जिन्होंने ट्रंप सरकार के खिलाफ मुकदमा किया था.

‘लिबरेशन डे’ शुल्क और 1977 का कानून

ट्रंप ने सबसे ज़्यादा बार 1977 के ‘इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट’ (IEEPA) का इस्तेमाल किया. यह कानून विदेशी खतरों के समय अमेरिका की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था की रक्षा के लिए बनाया गया था. लेकिन ट्रंप ने इसे अपने ‘लिबरेशन डे’ शुल्क के लिए भी लागू कर दिया. ये घटनाएं बताती हैं कि ट्रंप ने न सिर्फ राष्ट्रपति की पारंपरिक भूमिका को बदला, बल्कि अमेरिकी लोकतंत्र में ‘आपातकाल’ शब्द के मायने भी बदल दिए. उन्होंने इसे संसद के विकल्प के रूप में देखा—एक ऐसी ताकत जो उन्हें बिना रोकटोक फैसले लेने की छूट देती है.

authorimg

Yogendra Mishra

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने…और पढ़ें

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने… और पढ़ें

homeworld

जब संकट नहीं तब भी डोनाल्ड ट्रंप ने लगाया ‘आपातकाल’, समझें क्या है खेल?

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *