डोनाल्ड ट्रंप का नया यात्रा प्रतिबंध पिछले ‘मुस्लिम बैन’ से किस प्रकार अलग? कौन होगा प्रभावित

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Trump Imposes Travel Ban: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक आदेश जारी कर 12 देशों पर पूर्ण और 7 पर आंशिक यात्रा प्रतिबंध लगाया.

डोनाल्ड ट्रंप का नया यात्रा प्रतिबंध पिछले 'मुस्लिम बैन' से किस प्रकार अलग?

ट्रंप की नवीनतम घोषणा उनके पहले कार्यकाल की नीति का रिवाइवल है.

हाइलाइट्स

  • ट्रंप ने 12 देशों पर पूर्ण और 7 पर आंशिक यात्रा प्रतिबंध लगाया
  • प्रतिबंध लगाने का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है
  • ग्रीन कार्ड धारकों और दोहरी नागरिकता वालों को छूट दी गई है

Trump Imposes Travel Ban on 12 Nations: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को 12 देशों के नागरिकों के लिए पूर्ण यात्रा प्रतिबंध और सात अन्य देशों के नागरिकों के लिए आंशिक प्रतिबंध जारी किए. जिसका उद्देश्य बढ़ती चिंताओं के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है. ट्रंप ने हाल ही में कोलोराडो के बोल्डर की घटनाओं का हवाला दिया जिसने उन्हें त्वरित कार्रवाई के लिए प्रेरित किया. इन घटनाओं के लिए अधिकारियों ने कथित तौर पर देश में अवैध रूप से रहने वाले एक व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया. यह आदेश ट्रंप के इमीग्रेशन एजेंडे का नया वर्जन है, जिसे उन्होंने अपने पहले कार्यकाल के दौरान आगे बढ़ाया था. इसका उद्देश्य इमीग्रेशन में संभावित उछाल को रोकना है. 

वर्तमान प्रतिबंध सोमवार (9 जून) को रात 12:01 बजे से लागू होगा. जिससे सरकारी एजेंसियों और यात्रियों को समायोजन के लिए थोड़ा समय मिलेगा. अफगानिस्तान, म्यांमार, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन के लोगों पर पूर्ण यात्रा प्रतिबंध लगा दिया गया है. जबकि बुरुंडी, क्यूबा, ​​लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला के नागरिकों पर आंशिक प्रतिबंध लगाया गया है.

क्या है यात्रा प्रतिबंध?
यात्रा प्रतिबंध एक फेडरल पॉलिसी है जो विशिष्ट देशों के नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश करने से रोकती है या प्रतिबंधित करती है. प्रतिबंध अलग-अलग हो सकते हैं. पूर्ण प्रवेश प्रतिबंध से लेकर विशिष्ट वीजा श्रेणियों के सीमित निलंबन तक. ट्रंप की नवीनतम घोषणा उनके पहले कार्यकाल की नीति का रिवाइवल है. जिसके तहत कई देशों के लोगों की यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया था. इस नई सूची में उससे प्रभावित होने वाले पांच देश फिर से दिखाई दे रहे हैं.

नए प्रतिबंध के पीछे क्या वजह?
यह प्रतिबंध कोलोराडो के बोल्डर में हुए घातक हमले के कुछ दिनों बाद लगाया गया है. जिसे कथित तौर पर मिस्र के एक नागरिक ने अंजाम दिया था. हालांकि मिस्र को प्रतिबंध में शामिल नहीं किया गया है. लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ने इस हमले को उन लोगों द्वारा उत्पन्न जोखिमों की याद दिलाने के रूप में कोट किया है जो वीजा अवधि से अधिक समय तक रहते हैं या जो खराब स्क्रीनिंग प्रथाओं वाले देशों से आते हैं.

इन देशों का चयन क्यों किया गया?
आदेश में देशों को दो श्रेणियों में बांटा गया है. वे जो पूरी तरह से यात्रा प्रतिबंध के अंतर्गत हैं और वे जो वीजा प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं. इनमें से ज्यादातर देश अफ्रीका, मध्य पूर्व और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं.

ट्रंप प्रशासन ने यात्रा प्रतिबंध के तीन मुख्य कारण बताए-

1 दस्तावेज सुरक्षा और जांच क्षमताओं का अभाव: अफगानिस्तान, लीबिया, इरीट्रिया, सोमालिया, सूडान, यमन और वेनेजुएला जैसे देशों में पासपोर्ट जारी करने या विदेश यात्रा करने वाले नागरिकों की जांच करने के मामले में अविश्वसनीय प्राधिकारी होने का उल्लेख किया गया.

2 वीजा अवधि से अधिक समय तक रहने की उच्च दर: म्यांमार, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, हैती, बुरुंडी, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो और तुर्कमेनिस्तान जैसे देशों को शामिल किया गया, क्योंकि बड़ी संख्या में नागरिक अमेरिका में वीजा अवधि से अधिक समय तक रुके थे.

3 आतंकवाद या राज्य प्रायोजित आतंकवाद से संबंध: ईरान, अफगानिस्तान, सोमालिया, लीबिया, क्यूबा और सूडान जैसे देशों को आतंकवाद में कथित संलिप्तता या समर्थन के लिए चिह्नित किया गया.

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इनको मिलेगी प्रतिबंध से छूट
व्हाइट हाउस के आदेश में कहा गया है कि प्रतिबंध से ग्रीन कार्ड धारकों को छूट मिलेगी. इनमें वे लोग भी शामिल हैं जिनके पास अमेरिकी नागरिकता पाने का रास्ता है. दोहरी नागरिकता रखने वाले लोगों को भी छूट दी गई है, एक अमेरिका की और दूसरी प्रतिबंधित देश की. आदेश में कहा गया है कि अमेरिकी नागरिकों के नजदीकी पारिवारिक संबंधों के माध्यम से वीजा चाहने वाले व्यक्तियों पर भी इसका कोई असर नहीं होगा. यह देखते हुए कि अमेरिका 2026 में विश्व कप और 2028 में लॉस एंजिल्स में ओलंपिक की मेजबानी करेगा. खेल आयोजनों के लिए यात्रा करने वाले एथलीटों और कोचों को उनके परिवारों के साथ अभी भी देश में प्रवेश करने की अनुमति होगी. जिन शरणार्थियों को पहले ही शरण मिल चुकी है, उन्हें भी छूट दी गई है. 11 सितंबर, 2001 के आतंकवादी हमलों के बाद दशकों तक चले युद्ध के दौरान अमेरिकी सरकार का समर्थन करने वाले अफगान नागरिक भी इस छूट के अंतर्गत आते हैं. धार्मिक उत्पीड़न से बचने वाले ईरानियों, विशेषकर ईसाइयों जैसे अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को भी प्रतिबंध से छूट दी गई है.

2017 के यात्रा प्रतिबंध से किस प्रकार अलग?
2017 में पदभार ग्रहण करने के कुछ समय बाद ही ट्रंप ने सात मुस्लिम बहुल देशों से यात्रा पर प्रतिबंध लगाने वाला एक कार्यकारी आदेश पेश किया था. उस आदेश को व्यापक रूप से ‘मुस्लिम प्रतिबंध’ के रूप में जाना जाता है, जिसने हवाई अड्डों पर अराजकता, कानूनी चुनौतियों और देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया था. समय के साथ प्रतिबंध कई बदलावों से गुजरते हुए विकसित हुआ. आखिरकार 2018 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसे बरकरार रखा गया. 2017 के प्रतिबंध के विपरीत नई घोषणा लागू होने से पहले एक छोटी अवधि प्रदान करती है. इसमें कुछ विशिष्ट छूट भी शामिल हैं.

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