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General knowledge Hindi: छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ में स्थित बोरिडांड रेलवे जंक्शन एशिया का सबसे छोटा रेलवे जंक्शन है. छोटे प्लेटफॉर्म के बावजूद यह जंक्शन रोजाना हजारों यात्रियों को सेवा प्रदान करता है और क्षेत्रीय रेल मार्गों को जोड़ता है.

छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ में स्थित बोरिडांड रेलवे जंक्शन का प्रवेश द्वार बेहद साधारण है, लेकिन इसी सादगी में इसकी पहचान छुपी है. साफ-सुथरी दीवारें और छोटा सा नामपट्ट यात्रियों को यह एहसास दिलाते हैं कि वह एक खास जगह पर कदम रख रहे हैं — एशिया के सबसे छोटे जंक्शन पर.

इस स्टेशन का प्लेटफॉर्म आकार में भले ही छोटा हो, लेकिन इसकी जिम्मेदारी बड़ी है. यह जंक्शन रोजाना हजारों यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने का माध्यम बनता है. सीमित संसाधनों के बावजूद यह स्टेशन रेलवे की कार्यप्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

बोरिडांड की एक खास बात इसका शांत और हरियाली से घिरा वातावरण है. यहां जब ट्रेन की आवाज गूंजती है, तो वह एक अलग ही सुकून देती है. स्टेशन छोटा है, लेकिन रेलगाड़ियों की आवाजाही इसे जीवंत बनाए रखती है.

छोटे जंक्शन पर भी यात्रियों की जरूरतों का ख्याल रखा गया है. यहां प्रतीक्षालय, पीने के पानी की व्यवस्था और एक छोटा सा जलपान स्टॉल है, जो यात्रियों के सफर को सहज और आरामदायक बनाते हैं.

बोरिडांड जंक्शन सिर्फ अपने आकार के लिए ही नहीं, बल्कि यहां मिलने वाले स्वादिष्ट चना दाल बड़े के लिए भी जाना जाता है. कई यात्री तो यहां सिर्फ इस खास नाश्ते का स्वाद लेने के लिए रुकते हैं. गर्मागरम बड़े और तीखी चटनी यहां की पहचान बन चुके हैं.

यह छोटा सा जंक्शन बिलासपुर, चिरमिरी और अंबिकापुर की ओर जाने वाली करीब 16 पैसेंजर ट्रेनों को जोड़ता है. इस लिहाज से यह स्टेशन क्षेत्रीय आवागमन का एक अहम केंद्र बन गया है, जो दूर-दराज के यात्रियों के लिए जीवनरेखा का काम करता है.

बोरिडांड रेलवे जंक्शन प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है। चारों ओर फैली हरियाली, शांत मौसम और खुला आकाश यात्रियों को एक मनमोहक अनुभव देते हैं. यह स्टेशन ना केवल सफर का जरिया है, बल्कि एक ठहराव है जहां प्रकृति से नज़दीकी महसूस होती है.