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Ground Report: मल्हार नगर पंचायत में मुख्य गेट से लेकर मेला चौक तक की सड़क खस्ताहाल है. स्थानीय निवासी राकेश सिंह ने लोकल 18 को बताया कि यह सड़क करीब 15 साल पहले बनी थी और तब से आज तक इसकी मरम्मत नहीं हुई.

बिलासपुर के मल्हार में जर्जर रास्तों से जूझते लोग.
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के ऐतिहासिक और धार्मिक नगर पंचायत मल्हार की जनता आज बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रही है. दो दिन की मामूली बारिश ने सड़क की दशा को उजागर कर दिया है, जहां मुख्य मार्ग पर चलना भी जोखिम भरा हो गया है. बरसों की अनदेखी और प्रशासनिक लापरवाही ने यहां की सड़क को गड्ढों का जंगल बना दिया है. स्थानीय लोग बार-बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला.
मल्हार नगर पंचायत में मुख्य गेट से लेकर मेला चौक तक की सड़क की हालत बेहद खराब हो चुकी है. स्थानीय निवासी राकेश सिंह ने बताया कि यह सड़क करीब 15 साल पहले बनी थी और तब से आज तक इसकी मरम्मत नहीं हुई. बारिश होते ही सड़क पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो जाती है और पानी भरने के बाद तो मानो नदी बन जाती है, जिससे गुजरना जान जोखिम में डालने जैसा है. कई बार दुर्घटनाएं भी देखने को मिली हैं.
विभागों की टालमटोल
स्थानीय लोगों का आरोप है कि जब भी नगर पंचायत में शिकायत की जाती है, तो उन्हें यह कहकर टाल दिया जाता है कि यह सड़क पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आती है लेकिन न तो पीडब्ल्यूडी और न ही नगर पंचायत ने अब तक कोई स्थायी कदम उठाया है. यह रास्ता न केवल स्थानीय निवासियों का मुख्य मार्ग है बल्कि धार्मिक पर्यटन स्थलों जैसे- मां डिंडेश्वरी मंदिर और पातालेश्वर महादेव मंदिर तक पहुंचने का भी प्रमुख मार्ग है.
असल समस्या जस की तस
स्थानीय लोगों का आरोप है कि जब कोई बड़ा नेता या अधिकारी नगर पंचायत का दौरा करता है, तो सिर्फ दिखावे के लिए सड़क की मरम्मत कर दी जाती है लेकिन पहली बारिश में ही सारी पोल खुल जाती है और सड़क फिर से वही हालात में लौट आती है.
शहर में गांव जैसी जिंदगी
स्थानीय निवासी रामकमल साहू ने कहा कि मल्हार नगर पंचायत शहरी क्षेत्र में आता है लेकिन सड़क की स्थिति एक गांव से भी बदतर है. यह सड़क हमारे इलाके के विकास का आईना है और फिलहाल यह आईना टूटा हुआ है. हम टैक्स तो भरते हैं लेकिन बदले में हमें गड्ढों से भरी सड़क मिलती है. यह हमारे लिए चिंता का विषय है. नगरवासियों ने शासन और प्रशासन से स्पष्ट मांग की है कि सड़क की स्थिति को जल्द सुधारा जाए. उन्होंने कहा कि अब केवल आश्वासन नहीं बल्कि ठोस कार्रवाई की जरूरत है ताकि लोगों को हर बार बारिश में परेशानी का सामना न करना पड़े और आने-जाने में कोई दुर्घटना न हो.
पर्यटक भी दोबारा आना नहीं चाहते
स्थानीय प्रशासन से जुड़े लोगों ने बताया कि यह सड़क लोक निर्माण विभाग के अधीन है. यही कारण है कि इसे लेकर नगर पंचायत द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. यानी हस्तक्षेप पूरी तरह से फिट नहीं बैठता, हालांकि उनके द्वारा कई बार प्रतिवेदन भेजा गया है लेकिन पीडब्ल्यूडी की उदासीनता के कारण इस सड़क का निर्माण नहीं हो रहा है, लिहाजा पर्यटक भी ऐसी खराब सड़कों में दोबारा नहीं आना चाहते.