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India Pakistan NSA Meeting: पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में तनाव काफी बढ़ गया है. भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद तो दोनों देशों में जंग की नौबत आ गई थी. मॉस्कों में दोनों देशों के एनएसए की मुलाकात हो सकती…और पढ़ें

रूस में भारत और पाकिस्तान के एनएसए की मुलाकात की अटकलें लगाई जा रही हैं. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
- मॉस्को में मिल सकते हैं भारत और पाकिस्तान के एनएसए.
- पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों में तनाव.
- रूस दोनों देशों के एनएसए की बातचीत करा सकता है.
मॉस्को. भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के अगले सप्ताह की शुरुआत में रूस की सुरक्षा परिषद द्वारा आयोजित एक प्रमुख सुरक्षा बैठक में शामिल होने के लिए यहां आने की उम्मीद है. डोभाल को रूसी संघ की सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगु की अध्यक्षता में 27-29 मई को सुरक्षा मुद्दों पर उच्च प्रतिनिधियों की 13वीं अंतरराष्ट्रीय बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है.
रूसी सुरक्षा परिषद ने एक विज्ञप्ति में कहा कि बैठक में भाग लेने के लिए 150 से अधिक देशों के साथ-साथ 20 से अधिक अंतरराष्ट्रीय संगठनों के नेतृत्व को निमंत्रण भेजे गए हैं. इसमें कहा गया है कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) देशों को भी निमंत्रण भेजे गये. भारत की तरह पाकिस्तान भी एससीओ का सदस्य है और उसके एनएसए लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक के भी बैठक के लिए मॉस्को आने की उम्मीद है.
प्रमुख दैनिक ‘कोमर्सेंट’ के दक्षिण एशिया स्तंभकार सर्गेई स्ट्रोकन ने पीटीआई को बताया कि ऐसी अटकलें हैं कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के मद्देनजर भारत और पाकिस्तान के दो प्रमुख एनएसए मॉस्को में होंगे और रूसी पक्ष उनकी आमने-सामने की बैठक करा सकता है.
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था. पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने सात मई की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए थे, जिसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करते हुए ड्रोन और मिसाइलें दागे, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम्स जैसे आकाशतीर और एस-400 ने उन्हें हवा में ही नष्ट कर दिया. इसके बाद भारत ने कड़ा पलटवार करते हुए पाकिस्तान के 9 से 11 वायुसेना ठिकानों को तबाह कर दिया.
इस सख्त सैन्य कार्रवाई से घबराई पाकिस्तानी सेना ने संघर्षविराम की अपील की. पाकिस्तानी डीजीएमओ ने भारतीय समकक्ष से संपर्क कर तनाव समाप्त करने का प्रस्ताव रखा, जिस पर दोनों देशों ने अस्थायी युद्धविराम पर सहमति जताई. भारत ने अपनी सैन्य कार्रवाई के प्रमाण भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने प्रस्तुत किए, जिससे यह साफ हो गया कि भारत की जवाबी कार्रवाई सिर्फ आत्मरक्षा नहीं, बल्कि आतंक के ठिकानों को जड़ से खत्म करने की निर्णायक नीति का हिस्सा थी.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h… और पढ़ें